supplying injectable drugsनरसिंहपुर. इंजेक्शन के जरिए नशा करने के आदी लोगों को पैसा लेकर नशीली दवाओं का इंजेक्शन उपलब्ध कराने दो लोगों को कोतवाली पुलिस ने पकड़ा है। जिनके कब्जे से क्लोरफेनिरामाइन मेलीवट इंजेक्शन एवं फेनिरामाइन मेलीवट इंजेक्शन की 60 शीशी एवं बड़ी मात्रा में निडिल, सिरिंज बरामद की हैं। आरोपी कुछ शीशी और निडिल-सिरिंज […]
supplying injectable drugsनरसिंहपुर. इंजेक्शन के जरिए नशा करने के आदी लोगों को पैसा लेकर नशीली दवाओं का इंजेक्शन उपलब्ध कराने दो लोगों को कोतवाली पुलिस ने पकड़ा है। जिनके कब्जे से क्लोरफेनिरामाइन मेलीवट इंजेक्शन एवं फेनिरामाइन मेलीवट इंजेक्शन की 60 शीशी एवं बड़ी मात्रा में निडिल, सिरिंज बरामद की हैं। आरोपी कुछ शीशी और निडिल-सिरिंज लेकर ग्राहक की तलाश में घूमते रहते थे और खुद भी नशे के आदी हैं। वहीं कुछ शीशी उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर छुपाकर रखी थीं। बताया जा रहा है कि आरोपी उक्त इंजेक्शन की शीशी अस्पताल के वार्डो से मौका मिलते ही चोरी कर लेते थे, क्योंकि बिना डॉक्टर की पर्ची के इन इंजेक्शनों की शीशी का विक्रय नहीं किया जाता है। पुलिस आरोपियों से गहनता से पूछताछ कर रही है।
जिले में एसपी डॉ. ऋषिकेश मीना द्वारा अवैध मादक पदार्थो के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। कोतवाली पुलिस अजय महोबिया निवासी गणेश नगर, बरगी कॉलोनी थाना स्टेशनगंज एवं सुरेन्द्र उर्फ छुट्टन रजक निवासी काछी मोहल्ला, शंकर वार्ड थाना कोतवाली को पकड़ा। जिनके कब्जे से क्लोरफेनिरामाइन मेलीवट इंजेक्शन एवं फेनिरामाइन मेलीवट इंजेक्शन की 60 शीशी, बड़ी मात्रा में सिरिंज एवं नीडल बरामद की। कोतवाली थाना गौरव चाटे, एसआइ संजय सूर्यवंशी एवं आरक्षक नीलेश दुबे, उमेश्वर पाठक, कुलदीप साहू, राहुल दुबे, अभय तिवारी, श्रेय अवस्थी की टीम ने पहले अजय को दबोचा। जिससे नशीली दवा बरामद करने के बाद पूछताछ में सामने आया कि सुरेंद्र भी यह कार्य करता है तो उसे पकड़ा गया। आरोपियों के खिलाफ मप ड्रग कंट्रोल अधिनियम व बीएनएस के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में दवाओं की शीशी अस्पताल के वार्डो से अलग-अलग समय में चोरी करने की बात स्वीकार की है।
अवैध दवाइयों, इंजेक्शनों का न करें विक्रय
एसपी डॉ. मीना ने जिले के दवा विक्रेताओं से अपील की है कि वह किसी भी प्रकार की अवैध दवाओं, इंजेक्शन, सिरिंज या निडिल का स्टाक-बिक्री न करें। आमजन भी
युवाओं और बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति नियमित रूप से जागरूक करें। परिवार और पड़ोस में बच्चों की गतिविधियों पर निगरानी रखें और उनके साथ नियमित संवाद बनाए रखें। दवा विक्रेताओं से यदि किसी ग्राहक द्वारा अवैध या संदिग्ध मांग की जाती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। अवैध गतिविधियों की जानकारी मिलने पर समय पर पुलिस को सूचित करें ताकि आवश्यक कानूनी कार्रवाई हो सके।