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क्रांति का विकेट लिया तो बन गई दोस्ती, हर दम बढ़ातीं हैं हौंसला

Kranti with her fast bowling.नरसिंहपुर. जिले में भी क्रिकेट के खेल में वूमन पॉवर बढ़ रहा है। करीब चार साल पहले जिस जिले में महिला क्रिकेट के लिए एक टीम बनाना मुश्किल था, आज यह स्थिति है कि दो टीमों से भी ज्यादा खिलाड़ी हैं और निरंतर कई छात्राएं टीम में जगह बनाने के लिए […]

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Kranti with her fast bowling.नरसिंहपुर. जिले में भी क्रिकेट के खेल में वूमन पॉवर बढ़ रहा है। करीब चार साल पहले जिस जिले में महिला क्रिकेट के लिए एक टीम बनाना मुश्किल था, आज यह स्थिति है कि दो टीमों से भी ज्यादा खिलाड़ी हैं और निरंतर कई छात्राएं टीम में जगह बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं। जिले में तीन महिला खिलाड़ी तो ऐसी भी हैं जो वल्र्ड कप विजेता क्रांति गौड़ के साथ क्रिकेट मैच खेल चुकी हैं और अपनी तेज बॉलिंग से एक खिलाड़ी क्रांति को आउट भी कर चुकी हैं। हालांकि जिले की इन खिलाडिय़ों के सामने अभ्यास के लिए कड़ा संघर्ष और मैदान, माहौल की कमी आज भी बनी हुई है जो कहीं न कहीं उनके अभ्यास में रोड़ा भी बनती है।
जिले की उभरती क्रिकेट खिलाड़ी धमना सुपला निवासी आरजू पटेल कहतीं हैं कि पहले तैराकी करना शौक था, क्रिकेट तो 12वीं तक की पढ़ाई में खेला ही नहीं जबकि इच्छा थी लेकिन गांव में वैसा माहौल नहीं मिलता, मैदान भी नहीं है। कॉलेज में आने के बाद वर्ष 2021 से खेल शुरू किया और बॉलिंग में अभ्यास किया। आरजू बतातीं हैं कि डब्ल्यूपीएल के पूर्व दमोह जिले के एक गांव में हुए मैच में साथी खिलाड़ी मीना यादव और शिवानी धुर्वे के साथ वल्र्ड कप विजेता क्रांति गौंड़ के साथ उन्होंने मैच खेला था। आरजू ने बताया कि जब क्रांति का विकेट लिया तो क्रांति ने न केवल सराहा बल्कि भोपाल में एक प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया। क्रांति से आज भी उसे मार्गदर्शन मिलता रहता है और खेल को लेकर बात होती रहती है। क्रांति ने गांव घुवारा में होने वाले टूर्नामेंट मैच के लिए भी बुलाया है।
खेलना शुरू किया तो परिवार ने भी बढ़ाया हौसला
आरजू हो या मीना यादव, शिवानी धुर्वे, नेहा आदि महिला खिलाड़ी कमोवेश सबकी कहानी एक जैसी है। जिन्होंने चंद सालों की मेहनत में खुद को साबित कर दिया है। एलएलबी की पढ़ाई कर रहीं शिवानी कहतीं हैं कि क्रांति के साथ खेला और आज जब वह वल्र्ड कप विजेता है तो भरोसा बढ़ता है कि उनकी तरह हम भी देश की टीम में खेल सकते हैं। शिवानी लेग स्पिन व मीना ऑफ स्पिन गेंदबाजी के साथ टीम में ऑलराउंडर की भूमिका निभातीं हैं। दोनों ने बताया कि कॉलेज से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया, परिवार ने भी हौसला बढ़ाया, क्रीड़ा अधिकारी अर्पित सक्सेना द्वारा उन्हें खेल की बारिकियां सिखाईं जा रही हैं।
छात्राओं में लगातार बढ़ रहा उत्साह
क्रीड़ा अधिकारी अर्पित सक्सेना कहते हैं कि कोविडकाल के बाद से ही छात्राओं में क्रिकेट के प्रति रूझान बढ़ा। पहले 6 खिलाड़ी ही थीं लेकिन आज संख्या 22 को पार कर गई है। जिले की खिलाडिय़ों ने स्टेट, यूनिवर्सिटी स्तर के साथ ही अन्य प्रांतों में भी जाकर अपने खेल से जिले का नाम रोशन किया है। ज्यादातर खिलाड़ी ग्रामीण अंचल से हैं, महिला टीम के वल्र्ड कप विजेता बनने के बाद से तो कई और छात्राओं में क्रिकेट के प्रति रूझान बढ़ रहा है और वह मैदान से जुड़ रहीं हैं।

छात्राओं में लगातार बढ़ रहा उत्साह
क्रीड़ा अधिकारी अर्पित सक्सेना कहते हैं कि कोविडकाल के बाद से ही छात्राओं में क्रिकेट के प्रति रूझान बढ़ा। पहले 6 खिलाड़ी ही थीं लेकिन आज संख्या 22 को पार कर गई है। जिले की खिलाडिय़ों ने स्टेट, यूनिवर्सिटी स्तर के साथ ही अन्य प्रांतों में भी जाकर अपने खेल से जिले का नाम रोशन किया है। ज्यादातर खिलाड़ी ग्रामीण अंचल से हैं, महिला टीम के वल्र्ड कप विजेता बनने के बाद से तो कई और छात्राओं में क्रिकेट के प्रति रूझान बढ़ रहा है और वह मैदान से जुड़ रहीं हैं।

Published on:
16 Nov 2025 04:50 pm
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