यह फाटक जयपुर से झुंझुनूं आने वाले मुख्य मार्ग पर बना है। शहर में सबसे ज्यादा वाहन इसी मार्ग पर चलते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी भी इसी फाटक पर होती है।
पंद्रह मार्च 2019 को जब पुलिस लाइन के पास रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का कार्य शुरू हुआ तब जनप्रतिनिधियों ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि यह ओवरब्रिज वर्ष 2020 में 14 सितम्बर को बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन इसे जनप्रतिनिधियों की कमजोरी मानें या अधिकारियों की लापरवाही। कारण चाहे जो भी रहे हों लेकिन सच यह है कि फाटक पर लोगों का बहुमूल्य समय खराब हो रहा है। राजस्थान के झुंझुनूं शहर का यह ओवरब्रिज अभी भी अधूरा पड़ा है।
यदि अभी भी कार्य शुरू हो जाए तब भी इस वर्ष 2024 में कार्य पूरा होना मुश्किल लग रहा है। जब भी ट्रेन आती है फाटक बंद हो जाता है। दोनों तरफ वाहनों की कतार लग जाती है। यह फाटक जयपुर से झुंझुनूं आने वाले मुख्य मार्ग पर बना है। शहर में सबसे ज्यादा वाहन इसी मार्ग पर चलते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी भी इसी फाटक पर होती है।
राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम ने अजमेर जिले के एक संवेदक को कार्यादेश जारी किया था। तब कहा था कि यह प्रोजेक्ट अब तक सबसे तेज गति से पूरा होगा। तब लोगों को सपने दिखाए थे कि लोगों को रेल आने पर फाटक पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। फाटक के ऊपर ब्रिज बन जाएगा। ऊपर से वाहन चलेंगे और नीचे से रेलगाड़ी। लेकिन सारे वादे धरातल पर फेल हो गए। जनता परेशान हो रही है। कई साल बीत गए, लेकिन सपनों का ओवरब्रिज अभी अधूरा है। ठेकेदार ने कुछ माह गड्ढे खोदकर अधूरे पिलर खड़े कर दिए, फिर बजट नहीं मिलने की बात कहकर पूरा काम ही बंद कर दिया।
ओवरब्रिज के निर्माण के लिए उस समय 36 करोड़ 12 लाख रुपए मंजूर किए गए थे। इसमें से 18 करोड़ 06 लाख रेलवे व 18 करोड़ 06 लाख रुपए रूडिसको (राज्य सरकार) को देने थे। लेकिन उस समय केन्द्र में भाजपा व राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, दोनों ने ही अपने हिस्से का पूरा बजट नहीं दिया। बजट नहीं मिलने पर ठेकेदार ने भी कार्य बंद कर दिया। वहीं जानकारों का कहना है कि अब इसकी लागत बढ़ेगी, अब यह ओवरब्रिज 36 करोड़ 12 लाख रुपए में बनना मुश्किल है।
कार्य शुरू हुआ: 15 मार्च 2019
कार्य पूरा होना था: 14 सितम्बर 2020
स्थान: पुलिस लाइन फाटक झुंझुनूं शहर
लम्बाई: लगभग 850 मीटर