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एमपी में बैठक में अधिकारियों पर नाराज हुए कलेक्टर, पूछा- अब तक एक भी FIR क्यों नहीं?

MP News: मई 2025 से अभी तक जिले में एक भी फूड सेफ्टी की एफआईआर नहीं होने पर कलेक्टर ने जताई नाराजगी ।

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rajgarh

collector expressed anger at the officials during the meeting (फोटो सोर्स- राजगढ़ कलेक्टर फेसबुक पेज)

MP News: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में दूध में मिलावट करने वाले मिलावटखोर उजागर हुए लेकिन फूड सेफ्टी अधिकारियों ने मई से अब तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं करवाई गई ये सवाल जब बुधवार को कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों से पूछी तो कुछ देर के लिए बैठक में सन्नाटा सा छा गया। कलेक्टर ने जिलास्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में काफी नाराजगी व्यक्त की और साथ ही ये भी कहा कि कार्रवाई नहीं करना बेहद चिंताजनक है।

बैठक में कलेक्टर ने जताई नाराजगी

कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को कलेक्टर डॉ. गिरीश गौतम ने जिलास्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की बैठक ली। बैठक में बताया गया कि मई 2025 से अभी तक जिले में एक भी फूड सेफ्टी की एफआईआर नहीं हुई है। जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई साथ ही दोनों फूड सेफ्टी इंस्पेक्टरों को प्रतिमाह रोटेशन बनाकर सेम्पलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा की विभाग द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं करना बेहद चिंताजनक है। बैठक में उन्होंने जिला जेल व उप जेल में भी माह में दो बार निरीक्षण करने के निर्देश फूड सेफ्टी अधिकारी को दिए। साथ ही एमडीएम, आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों व सभी अस्पतालों में संचालित कैंटीन में भी फूड सेफ्टी लाइसेंस लेने के निर्देश दिए।

9000 लाइसेंस, जनसंख्या के हिसाब से 14000 जारी होना थे

बैठक में बताया गया कि जिले में वर्तमान में लगभग 9 हजार फूड सेफ्टी लाइसेंस जारी हुए हैं। जनसंख्या के मानक से लगभग 14 हजार लाइसेंस जारी होने चाहिए थे। कलेक्टर ने फूड सेफ्टी अधिकारी को निर्देश दिए कि दूध की सघन जांच करें और मिलावट मिलने पर एफआईआर दर्ज करें। इस दौरान कलेक्टर ने साफ तौर पर ये भी निर्देश दिए कि दूध में मिलावट करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाए। बैठक में अशासकीय सदस्य शैलेश गुप्ता, अशोक गुप्ता, अशोक दांगी सहित अन्य उपस्थित रहे।