Korba News: कोरबा जिले में मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच कोरबा में धूल भरी आंधी चली। लगभग दो घंटे तक रूक-रूक आंधी चलती रही।
Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच कोरबा में धूल भरी आंधी चली। लगभग दो घंटे तक रूक-रूक आंधी चलती रही। इससे पूरा शहर राखड़ की चपेट में आ गया। शहर की सड़कों पर कोयले की राख और धूल की परत जमा हो गई। हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि धूल भी लोगों के घर के भीतर घूस गया। धूल भरी आंधी से बचने के लिए लोग घर के अंदर ही दुबके रहे। मुख्य मार्ग पर वाहनों की संख्या कम हो गई थी।
मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। रविवार सुबह आसमान में हल्के बादल छाए हुए थे। कोरबा शहर सहित कई क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई। ग्रामीणों इलाकों में भी बारिश की बूंदे गिरी। इससे सुबह से लगभग 11 बजे तक मौसम सुहाना हो गया था। अचानक मौसम ने करवट ली और तापमान में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर दो बजे तक तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। लेकिन यह तापमान ज्यादा देर तक स्थिर नहीं रह सका। इसमें अचानक गिरावट दर्ज की गई और तेज हवाएं चलने लगी।
शाम पांच बजे के आसपास हवा के साथ-साथ मिट्टी के कण, कोयले राख और कोयले के कण शहर के आबोहवा में उड़ने लगे। धूल और राख का झोंका लोगाें को परेशान करने लगा। ज्यादा परेशान वाहन चालकों के साथ हुई, जो दो पहिया वाहनों को लेकर घराें से निकले थे।
वाहन चलाते समय इनके आंखों में कोयले की राख और धूल के कण घुस रहे थे। लोग इससे बचने के लिए अपने चेहरे को दाएं-बाएं घुमा रहे थे। शहर में चली इस आंधी के कारण स्थिति इतनी खराब रही कि शहर की सड़कों पर धूल की परत जम गई। घर, आंगन के साथ-साथ शहर दुकानों में भी धूल घुस गया। इससे उनके सामानों को नुकसान पहुंचा। इसे लेकर लोग काफी परेशान हुए।
मौसम में बदलाव के कारण वितरण कंपनी को अलग-अलग क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को बंद करना पड़ा। जितनी देर तक आंधी चलती रही, उतनी देर तक सुरक्षा के तौर पर अलग-अलग क्षेत्रों के फीडर बंद किए गए। कोरबा में भी दो से ढाई घंटे तक बिजली बंद की गई। पाली, कटघोरा, दर्री, कुसमुंडा में भी आपूर्ति रोका गया। आंधी थमने के बाद धीरे-धीरे आपूर्ति बहाल किया गया।
कई जगहों पर गिरे पेड़, बिजली के खंभे को भी नुकसान
कई इलाके में देर रात तक बिजली आपूर्ति रही बाधित
धूल इतनी कि दीपका में लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल
आंधी के कारण कोरबा के साथ-साथ कोयलांचल नगरी गेवरा, दीपका की स्थिति भी खराब रही। कोयले की डस्ट ने दीपका को अपनी आगोश में ले लिया, जितनी देर तक आंधी चलती रही, उनती देर तक दीपका की आबोहवा काली नजर आ रही थी। आंधी से विजिबिलिटी इतनी कमजोर हो गई थी कि कुछ मीटर की दूरी पर खडे़ लोग एक-दूसरे को नहीं देख पा रहे थे।
स्थानीय लोगाें ने इसके पीछे का बड़ा कारण दीपका शहर के आसपास कोयला खदान, कोयला साइडिंग और इसके परिवहन के लिए बनाए गए सड़क को बताया है। स्थानीय लोगाें ने कहा कि आंधी की रफ्तार अधिक होने से कोयले की डस्ट हवा में उड़कर आसपास के क्षेत्रों में फैल गई। कोयले की धूल लोगाें के मकान में घुस गई। दीपका क्षेत्र में आंधी के बाद आबोहवा में राखड़ व इनसेट पर शहरी क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर आवाजाही करते लोग