ओपिनियन

रणनीतिक गहराई और आर्थिक साझेदारी का नया अध्याय

ओमान और भारत के बीच सहयोग का आगे बढऩा केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया के लिए उम्मीद का संकेत है। यह साझेदारी संवाद और स्थिरता को मजबूती दे सकती है।

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Dec 29, 2025

-डॉ. जतिन कुमार, पश्चिम एशियाई मामलों के विशेषज्ञ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओमान यात्रा के साथ दोनों देशों के बीच संबंध नए दौर में पहुंच गए हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी ओमान यात्रा थी तथा यात्रा को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने के प्रतीक के रूप में आयोजित किया गया था। निसंदेह, यह यात्रा कई कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है। ओमान, खाड़ी क्षेत्र में भारत का सबसे करीबी रक्षा साझेदार है। ओमान की भौगोलिकस्थिति भारत के रक्षा एवं सामरिक हितों के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है। साथ ही, यहां लगभग 6,75,000 प्रवासी भारतीय भी निवास करते हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाली महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। इसी वजह से ओमान, भारत की पश्चिम एशिया नीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

विदेश नीति के कई जानकारों का मानना है कि यह केवल औपचारिक कूटनीतिक दौरा नहीं था, बल्कि भारत-ओमान संबंधों की गहराई और मजबूती को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर भी था। ओमान में भारतीय प्रधानमंत्री का जिस गर्मजोशी और आत्मीयता के साथ स्वागत किया गया, उसने स्पष्ट संकेत दिया कि दोनों देश अपने पुराने भरोसे, साझा हितों और गहरी मित्रता के आधार पर रणनीतिक साझेदारी के एक नए अध्याय को लिखने जा रहे हैं। यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापार, समुद्री विरासत, कृषि, उच्च शिक्षा, समुद्री सहयोग, कृषि-खाद्य नवाचार में सहयोग आदि पर आधारित सात एग्रीमेंट व मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर सहमति बनाई। साथ ही ओमान ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ ओमान' से सम्मानित किया। यह यात्रा एक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश क्षेत्रीय अनिश्चितताओं, टैरिफ संबंधित परेशानियों तथा ऊर्जा परिवर्तन जैसे मुद्दों के बीच अपनी साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही यह यात्रा एक ऐसे समय भी हुई है जब पश्चिम एशिया अस्थिरता के एक व्यापक दौर से गुजर रहा है।

इजरायल, ईरान, लेबनान, यमन और गाजा के बीच लंबे टकराव के बाद गाजा में हुए युद्धविराम ने भले ही कुछ समय के लिए राहत की सांस दी हो, लेकिन क्षेत्र की स्थिति अब भी बेहद नाजुक बनी हुई है। ऐसे माहौल में ओमान और भारत के बीच सहयोग का आगे बढऩा केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया के लिए उम्मीद का संकेत है। यह साझेदारी संवाद और स्थिरता को मजबूती दे सकती है। साथ ही यह यात्रा खाड़ी क्षेत्र में भारत की बढ़ती भागीदारी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने इस बात पर खास ध्यान दिया कि व्यापार और वाणिज्य, जो कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ रहे है, को किस तरह और बढ़ाया जाए। साथ ही इस क्षेत्र में नई संभावनाओं को ढूंढा जाए। यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए, जिसे भारत और ओमान के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि यह 20 वर्षों के बाद ओमान का किसी देश के साथ दूसरा मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है। निसंदेह यह समझौता एक दोस्त के रूप में भारत को ओमान द्वारा दिए जाने वाले महत्व को दर्शाता है। इस समझौते के माध्यम से दोनों देशों ने व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को नई गति मिलेगी, जिससे व्यापार बाधाएं कम होंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लॉन्ग टर्म में लाभ मिलेगा।

यह ध्यान देने योग्य है कि समझौते के तहत भारत को ओमान से अब तक की सबसे व्यापक टैरिफ रियायतें प्राप्त हुई हैं। इसके अंतर्गत ओमान ने अपनी 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क लागू करने की पेशकश की है, जिससे भारत के ओमान को होने वाले लगभग 99.38 प्रतिशत निर्यात को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में लगातार वृद्धि देखी गई है, जहां वित्तीय साल 2020-2021 में कुल व्यापार 5.4 बिलियन था, जो 2024-2025 में यह 10.61 बिलियन तक पहुंच गया है। इस क्रम में यात्रा के दौरान किए गए समझौते निसंदेह दोनों देशों के बीच व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। पीएम मोदी की ओमान यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने भारत-ओमान संबंधों को भविष्य की ओर देखने वाले ढांचे में स्थापित किया है। इस संदर्भ में सीईपीए पर सहमति से व्यापार, रोजगार के अवसरों में विकास की कोशिश की है, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को दीर्घकाल में सकारात्मक परिणाम मिलने की व्यापक संभावनाएं हैं।

Published on:
29 Dec 2025 01:11 pm
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