पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की कुछ प्रतिक्रियाएं
शिक्षा और जागरूकता प्रभावी साधन
वर्तमान समय में भी शिक्षा और जागरूकता के अभाव में कई जगह अंतरजातीय विवाह करने वालों को अपनी जाति बिरादरी से बहिष्कार का शिकार होना पड़ता हैं। धीरे धीरे शिक्षा का प्रचार, आपसी समझ और सामाजिक समरसता के भाव द्वारा लोगों में जागरूकता का संचार कर सामाजिक बहिष्कार को रोका जा सकता है। - भंवरलाल सारण
सब मिलकर बदलाव लाएं
अंतरजातीय विवाह से सामाजिक बहिष्कार को रोकने के लिए हमें शिक्षा और जागरूकता फैलानी होगी। प्रेम और समानता का संदेश फैलाकर हम समाज में एकता और समरसता को बढ़ावा दे सकते हैं। आइए, हम सब मिलकर बदलाव लाएं। - टी.एस कार्तिक, चेन्नई
आपसी बातचीत से रोके जा सकते हैं
चूंकि अंतरजातीय विवाह करना किसी भी तरह का गुनाह नहीं है, इसलिए ऐसा करने वालों को सामाजिक बहिष्कार जैसी असामाजिक सजा नहीं दी जा सकती। सामाजिक बहिष्कार के बढ़ते मामलों को आपसी बातचीत तथा समझदारी दिखाकर आसानी से रोका जा सकता है, क्योंकि इस तरह के विवाह भी अन्य विवाहों की तरह ऊपर वाले की सहमति से ही किए जाते हैं। -वसंत बापट, भोपाल
परस्पर संवाद व विश्वास हो
युवक-युवती दोनों अपने परिजनों की सहमति व उन्हें विश्वास में लेकर विवाह करें तो बहिष्कार की संभावना कम होगी। - सरोज जैन खंडवा
सामाजिक सुरक्षा देनी चाहिए
अंतरजातीय विवाह में सामाजिक बहिष्कार को रोकने के लिए कानूनी बाध्यता सामाजिक जागरूकता एवं शिक्षा का विस्तार होना चाहिए ऐसी विवाहित जोड़ों को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान करें उनको मुख्य धारा में लाने की कोशिश करें साथ में सामाजिक कार्यकर्ता और गैर सरकारी संगठनों को उनकी पूरी सहायता करनी चाहिए। - रामनरेश गुप्ता जयपुर