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आपकी बात : हर साल बारिश के मौसम में सड़कों के गड्ढों की समस्या को दूर करने के क्या उपाय हो सकते हैं?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की कुछ प्रतिक्रियाएं

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Jul 10, 2025

गड्ढों को सीमेंट कंक्रीट से भरें
बारिश के मौसम में सड़कों परत बननें वाले गड्ढों की समस्या को दूर करने के कई उपाय जैसे बारिश शुरू होने से पहले गड्ढों को सीमेंट कंक्रीट से भरना, मौसम खत्म होने के बाद जनप्रतिनिधियों से मिलकर सड़कों के सीमेंटीकरण की मांग करना और सुनवाई न होने पर आंदोलन करना आदि किए जा सकते हैं। - वसंत बापट, भोपाल

जनता का जागरूक होना जरूरी
हर साल बारिश के मौसम में सड़कों पर गड्ढों की समस्या बहुत ही ज्वलंत समस्या है। हर साल सड़कों का टूटना गड्ढे होना यह सरकारी तंत्र के कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार ,घटिया सड़क निर्माण सामग्री के उपयोग को दर्शाता है। यदि सड़कों का निर्माण पूर्ण ईमानदारी के साथ गुणवतापूर्ण सामग्री का उपयोग करते हुए किया जाए जिससे सड़कों में टिकाऊपन बढ़ेगा इसके लिए जनता का जागरूक होना जरूरी है। बारिश से पहले गलियों सड़कों का निरीक्षण करते हुए मौजूद गड्ढों को भरकर उन्हें समतल करना चाहिए, जिससे पानी जमा होने ओर वाहनों को नुकसान से, जनता को दुर्घटना से बचाया जा सके। पानी की निकासी की व्यवस्थाओं को सुचारू करना चाहिए सड़कों के किनारे पेड़ लगने चाहिए जिससे मिट्टी का कटाव कम होता हैं सड़क की सतह को नुकसान से बचाया जा सकता है। - सत्य प्रकाश ओझा, बीकानेर

नागरिकों की भागीदारी भी हो
नागरिकों को अपने गली, मोहल्ले व अन्य क्षेत्रों में बारिश से पहले या बारिश के दौरान सड़कों में गड्ढों की समस्या दिखाई देने पर इसे समय पर मरम्मत करने के लिए स्थानीय अधिकारियों को सूचना देनी चाहिए जिससे इस समस्या का समय पर समाधान हो सके और सभी नागरिकों को इस बारे मे जागरूक करना चाहिए। - प्रदीप अग्रवाल, बालोतरा

ठेकेदारों की जवावदेही तय हो
हर साल बारिश में सड़कों पर गड्ढों की समस्या से बचाव के लिए बेहतर जल निकासी व्यवस्था, गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री का उपयोग और समयबद्ध मरम्मत जरूरी है। ठेकेदारों की जवाबदेही तय की जाए और कार्य पूर्ण होने के बाद नियमित निरीक्षण हो। अमरीकी डामर (बिटुमिनस) या कंक्रीट जैसी टिकाऊ तकनीकों का प्रयोग हो। मानसून पूर्व सर्वेक्षण और तत्परता से मरम्मत कार्य सुनिश्चित कर यह समस्या काफी हद तक नियंत्रित की जा सकती है। - अमृतलाल मारू 'रवि' इंदौर मप्र

Published on:
10 Jul 2025 07:37 pm
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