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आपकी बातः शादियों में हर्ष फायरिंग की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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Nov 20, 2025

हर्ष फायरिंग रोकने के लिए सख्ती जरूरी
हर्ष फायरिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए कानून की सख्त पालना आवश्यक है। सार्वजनिक स्थानों पर ऐसी घटनाएं दहशत फैलाती हैं और जान-माल का नुकसान भी होता है। प्रशासन को प्रभावी कदम उठाते हुए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, जिसमें इसके खतरों, कानून और सजा की जानकारी लोगों तक पहुंचे। - योगेश स्वामी, सूरतगढ़
हादसों की वजह बनती हर्ष फायरिंग
कहा जाता है कि जोश में होश नहीं खोना चाहिए, क्योंकि हर्ष फायरिंग अक्सर हादसों का कारण बन जाती है। शादियों सहित खुशी के मौकों पर की गई फायरिंग कई बार मासूम लोगों की जान ले लेती है और खुशियां मातम में बदल जाती हैं। इस खतरनाक प्रथा को रोकने के लिए समाज को मिलकर प्रयास करना होगा। - साजिद अली, इंदौर
समारोहों में आयोजकों की जिम्मेदारी तय हो
हर्ष फायरिंग रोकने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई और प्रशासनिक निगरानी जरूरी है। आयोजकों की जिम्मेदारी तय की जाए, समारोह स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम हों और सीसीटीवी लगाए जाएं। पुलिस को ऐसे आयोजनों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए ताकि हादसों को रोका जा सके। - प्रकाश भगत, कुचामन सिटी
हर्ष फायर पर पूर्ण प्रतिबंध आवश्यक
बिना हर्ष फायर के भी उत्सव मनाया जा सकता है। भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों- जैसे बारात, बिदाई आदि में फायरिंग से गंभीर हादसे होते हैं, जिनमें बाराती, परिजन और राहगीर घायल या मृत हो जाते हैं। कई बार दुल्हा-दुल्हन तक इसके शिकार बने हैं। अतः समारोहों में हर्ष फायरिंग पर पूर्ण प्रतिबंध आवश्यक है। - बी.एल.शर्मा, उज्जैन
हर्ष फायरिंग पर शून्य सहनशीलता जरूरी
समारोहों में हर्ष फायरिंग एक खतरनाक और गैरजिम्मेदाराना प्रथा बन गई है। पुलिस को शून्य सहनशीलता नीति अपनाकर कानूनी सख्ती बढ़ानी चाहिए। लाइसेंसी हथियारों की निगरानी हो और आयोजकों की जवाबदेही तय की जाए। सामाजिक नेताओं के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलें तथा ड्रोन व पेट्रोलिंग से निगरानी बढ़ाई जाए। - सवाई सिंह चम्पावत, जैसलमेर

Published on:
20 Nov 2025 07:21 pm
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