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आपकी बात: कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी कैसे बढ़ाई जा सकती है?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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Dec 09, 2025

कोर्ट विजिट कार्यक्रम शुरू हों
कानूनी पेशे में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए स्कूल–कॉलेज स्तर पर ‘लीगल अवेयरनेस क्लब’ बनाए जाएं। जहां लड़कियां कानून को करियर के रूप में समझ सकें। महिला छात्रों के लिए विशेष इंटर्नशिप व कोर्ट विजिट कार्यक्रम शुरू हों, जिससे वे व्यावहारिक वातावरण से जुड़ सकें। कानून फर्मों और न्यायालयों में सुरक्षित कार्यस्थल, जेंडर-न्यूट्रल नीतियां और मेंटोरशिप सेल अनिवार्य किए जाएं। जब अवसर, सुरक्षा और मार्गदर्शन तीनों मिलेंगे, तब कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति स्वाभाविक रूप से मजबूत और प्रभावी होगी। - कैलाश कुमार, बापिणी

लैंगिक समानता लाकर शिक्षित करें
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी तभी बढ़ेगी जब देश में लैंगिक समानता ही सर्वोपरि होगी। आज भी कई गांवों में महिलाओं को पढ़ाई करने पर रोका जाता हैं, जिससे महिलाओं में हुनर और कला होने के बावजूद पीछे रह जाती हैं। अगर महिलाओं को पढ़ने का अधिकार मिलेगा तभी तो वे आगे आकर वकील और जज बन सकेंगी। - प्रियव्रत चारण, जोधपुर

भर्ती में पारदर्शिता आनी चाहिए
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए समान अवसर, सुरक्षित कार्यस्थल और लैंगिक संवेदनशील वातावरण आवश्यक है। विधि महाविद्यालयों में छात्रवृत्ति, मेंटरशिप और इंटर्नशिप अवसर बढ़ाए जाएं। भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और आरक्षण लागू हो। मातृत्व-अनुकूल नीतियां, लचीला कार्यसमय तथा नेतृत्व पदों पर महिलाओं को प्रोत्साहन दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता अभियान भी उनकी भागीदारी बढ़ा सकते हैं। - निकिता शर्मा, अलवर

सुरक्षित कार्यस्थलों की स्थापना हो
महिलाओं की कानूनी क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने के लिए लॉ शिक्षा में प्रोत्साहन देना चाहिए। सुरक्षित कार्यस्थल और सरकारी सहयोग भी आवश्यक हैं। छात्रवृत्ति, इंटर्नशिप, बार काउंसिल में आरक्षण, उच्च पदों जैसे जज आदि में समान अवसर और जागरूकता कार्यक्रम उनके लिए आसान और सुरक्षित मार्ग बनाते हैं। - कृष्ण कांत शर्मा, बदलेटा खुर्द

अवसरों में समानता मिलनी चाहिए
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सुरक्षित, प्रोत्साहनपूर्ण एवं समान अवसर वाला वातावरण आवश्यक है। विधि महाविद्यालयों में छात्रवृत्ति, मेंटरशिप और इंटर्नशिप के विशेष अवसर महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। कार्यस्थल पर लैंगिक संवेदनशीलता, लचीले कार्य समय व सुरक्षित ढांचे से उनकी निरंतरता बढ़ती है। उच्च न्यायालयों व बार एसोसिएशनों में नेतृत्व अवसर बढ़ाकर निर्णय-निर्माण में उनकी भूमिका सशक्त की जा सकती है। - संजय माकोड़े, बैतूल

महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाया जाए
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 50% आरक्षण महिला वकीलों का ही होना चाहिए, जिससे एक महिला दूसरी महिला को अपनी पीड़ा दिल खोल कर बता सकती हैं। शारीरिक मानसिक दहेज प्रथा घरेलू हिंसा इत्यादि समस्याओं को बताने में कोई भी संकोच न कर सके सभी विभागों में एक हेल्प डेस्क के रूप में महिला वकीलों की नियमित नियुक्ति हो तभी इस कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सकती हैं। - आनन्द सिंह राजावत, ब्यावर

नेतृत्व अवसर प्रदान किए जाएं
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लड़कियों को विधि शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना और उन्हें मार्गदर्शन व छात्रवृत्ति उपलब्ध कराना जरूरी है। न्यायालयों व वकालत में सुरक्षित और अनुकूल कार्य माहौल महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद करता है। साथ ही नेतृत्व पदों पर महिलाओं को अधिक अवसर दिए जाएं, जिससे उनका प्रतिनिधित्व मजबूत हो सके। कार्यस्थलों पर लैंगिक संवेदनशीलता और जागरूकता कार्यक्रम भी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, मेंटरशिप, इंटर्नशिप और नेटवर्किंग के अवसर बढ़ाकर महिलाओं को कानूनी क्षेत्र में सशक्त बनाया जा सकता है। - कृष्णकुमार खीचड़, राजालानाडा

महिला वकीलों की संख्या बढ़ाएं
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना आवश्यक है, ताकि सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में महिला वकीलों को अधिक अवसर मिल सकें। स्कूल, कॉलेज और संस्थानों में महिला हेल्पलाइन तथा सुरक्षा से जुड़े टोल-फ्री नंबर प्रभावी रूप से काम करें और हर जिले-कस्बे में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो। अदालतों में महिला वकीलों की संख्या बढ़ने से महिलाएं पारिवारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत मुद्दों पर बिना झिझक अपनी बात रख सकेंगी। - मुकेश सोनी, जयपुर

सुरक्षित कार्यस्थल का निर्माण करना
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई बहु-स्तरीय उपाय आवश्यक हैं। इसके लिए शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। साथ ही स्कॉलरशिप और मेंटरशिप कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए। कार्यस्थल सुरक्षित होने चाहिए और पॉश कानून का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। न्यायपालिका और वकालत में जेंडर-इनक्लूसिव अवसर उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा, कोर्ट अवसंरचना में सुधार और सामाजिक-मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन लाना भी जरूरी है। इन सभी उपायों से महिलाओं का कानूनी क्षेत्र में सक्रिय और समान भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। - अभिषेक सांखला, बीकानेर

व्यापक बदलाव करने होंगे
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अवसर और माहौल दोनों मजबूत करने होंगे। कानून शिक्षा में छात्रवृत्तियां बढ़ें, इंटर्नशिप व प्रशिक्षण में महिलाओं को प्राथमिकता मिले। अदालतों और बार काउंसिल में सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित हो। नेतृत्व पदों जज, सीनियर एडवोकेट, प्रोसीक्यूटर पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए विशेष कोटा या प्रोत्साहन लागू किए जाएं। साथ ही पारिवारिक, सामाजिक समर्थन और मेंटरशिप नेटवर्क को भी सशक्त किया जाए। - अमृतलाल मारू, इंदौर

लैंगिक चुनौतियों को समाप्त किया जाए
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए संस्थागत सुधार, उन्नति के इच्छित अवसरों के लिए नीतियों का लागू किया जाना चाहिए। इसके लिए विधि संस्थानों एवं न्यायिक विविधता में सुधार की आवश्यकता है। संस्थानों में पाठ्यक्रम में समानता और भेदभाव रहित सिद्धांत शामिल हो। छात्राओं को लैंगिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए। ऐसी नीतियां लागू करनी चाहिए जो न्यायपालिका एवं उच्च कानूनी पदों पर महिलाओं की अधिक नियुक्ति को बढ़ावा दे। - विजय कुमार वर्मा, सीकर

Published on:
09 Dec 2025 06:22 pm
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