पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
समझाइश से सुलह
विवादित मामलों में लोक अदालत की न्याय की प्रक्रिया बहुत बढिय़ा है। वो इसलिए कि इसमें किसी तरह की फीस जमा नहीं कराई जाती। दोनों पक्षों की सीधी जज से बात होती है। पूरी कोशिश रहती है कि आपसी समझाइश से झगड़े की सुलह हो जाए। न्याय बहुत जल्दी मिल जाता है और न्यायालय के लंबित मुकदमों में भी कमी आती है। - निर्मला वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर
------------------------
छोटे विवादों में मददगार
देश में कई विवादों के फैसले उनकी मृत्यु के बाद आते हैं। इसलिए छोटे-छोटे विवादों के लिए लोक अदालतें काफी मददगार हैं। लोक अदालतें उन मसलों को सुलझा देती हैं जिनको आपसी बातचीत से निपटाया जा सकता है। लोक अदालतों को एक तरह की सहूलियत संस्था भी कह सकते हैं जिसमें व्यक्ति बिना किसी हिचक, तनाव या हानि के अपनी समस्या को उजागर कर सकता है और समाधान भी प्राप्त कर सकता है। - नूरजहां रंगरेज, भीलवाड़ा
------------------------
सहज सुलभ न्याय
लोक अदालतें विवादों को शीघ्र, सुलभ और किफायती ढंग से निपटाने का एक प्रभावी मंच हैं। इन अदालतों में न्यायाधीश के बजाय निर्णय पक्षकारों की सहमति से होता है जिससे आपसी संबंध भी सुरक्षित रहते हैं। इस व्यवस्था से औपचारिक अदालती प्रक्रिया की जटिलताओं और विलंब से छुटकारा मिलता है। छोटे-मोटे सिविल, पारिवारिक, श्रम और मुआवजा संबंधी मामलों के समाधान में इनकी विशेष उपयोगिता है। लोक अदालतें न्याय को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का सशक्त साधन हैं। - अमृतलाल मारू 'रवि', इंदौर
------------------------
निपटारा जल्द हो
लोक अदालतों में विवादों का निपटारा जल्द किया जाना चाहिए। लोक अदालतों में प्रकरण के फैसले में बहुत समय लगता है जिससे फरियादी को न्याय मिलने में बहुत समय इंतजार करना पड़ता है। प्रकरणों को लंबित न रखते हुए उसका निपटारा जल्दी किया जाना चाहिए। जिससे जनता को लोक अदालतों के प्रति विश्वास हो और फरियादी को जल्दी न्याय मिल सके। कोई भी विवादों को लंबित किए बिना फैसले की व्यस्था की जाए। - दिलीप शर्मा, भोपाल
------------------------
महत्त्वपूर्ण भूमिका, उचित समाधान
विवादों को सुलझाने में लोक अदालतों की भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है। उचित स्थान समय पर लोग अदालत लगाकर किसी भी विवादित मामले को संज्ञान में लेकर उसका उचित समाधान या निपटारा किया जा सकता है। इसीलिए समय सीमा में विवादों से बचने और सुलझाने में लोक अदालत की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। - आनंद सिंह राजावत, देवली कला, ब्यावर, राजस्थान
------------------------
कमजोर वर्गों को त्वरित न्याय
लोक अदालतें लंबित मामलों के बोझ को कम करती हैं और समाज के कमजोर वर्गों को त्वरित, किफायती या नि:शुल्क न्याय प्रदान करती हैं। ये विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए सुलह और मध्यस्थता पर जोर देती हैं। गरीबों और कमजोर वर्गों को मुफ्त या बहुत कम खर्च में न्याय उपलब्ध कराती हैं, ताकि आर्थिक अक्षमता के कारण कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रह जाए। साथ ही समाज के जरूरतमंद वर्गों को न्याय तक पहुंच प्रदान कर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करती हैं। - प्रकाश भगत, चांदपुरा, कुचामन सिटी
------------------------
समय व धन की बचत के साथ न्याय
विवादों को सुलझाने में लोक अदालतों की भूमिका से आम जनता का समय और धन की बचत के साथ न्याय पाने का एक माध्यम मिलता है। जो पारंपरिक न्याय प्रणाली की देरी, उच्च लागत और जटिलता से राहत दिलाती है। यह एक वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र का हिस्सा है जो आम आदमी को न्याय दिलाने में बहुत सहायक होती है। बातचीत के जरिए समझौते एवं किफायती व्यवस्था के कारण लोक अदालतें काफी फलदाई साबित हुई है। - शालिनी ओझा, बीकानेर, राजस्थान