
दवाओं की ट्रैकिंग होनी चाहिए
सभी फार्मेसियों के लिए एक केंद्रीय ऑनलाइन डेटाबेस पर बिक्री का रिकॉर्ड दर्ज करना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टरों की हाथ से लिखी पर्ची के बजाय डिजिटल या ई-प्रिस्क्रिप्शन को अनिवार्य किया जाए, ताकि उनकी प्रामाणिकता जांची जा सके और दवाओं की ट्रैकिंग आसान हो सके। ड्रग इंस्पेक्टर्स को अचानक और नियमित रूप से फार्मेसियों का ऑडिट करते रहना चाहिए। दवाओं की बिक्री के बाद डॉक्टर के पर्चे की छायाप्रति को संभाल कर रखना अनिवार्य बनाया जाए। - प्रवेश भूतड़ा, सूरत
शिक्षा और जागरूकता बढ़ायी जाए
बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाओं की खरीद-बिक्री रोकने के लिए शिक्षा और जागरूकता महत्वपूर्ण है। इसके लिए मोहल्लों में काउंसलिंग शिविर आयोजित किए जाएं और लोगों को सोशल मेडिकल बिहेवियर के बारे में समझाया जाए। चिकित्सकों को यह बताना आवश्यक होना चाहिए कि बिना प्रिस्क्रिप्शन की दवाएं लेने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा, मेडिकल स्टोर पर पोस्टर लगाए जाएं, जिसमें लिखा हो कि बिना प्रिस्क्रिप्शन की दवा लेने पर ग्राहक स्वयं जिम्मेदार होंगे। इस अभियान में शिक्षकों, डॉक्टरों और जागरूक नागरिकों को आगे आकर मदद करनी चाहिए। - डॉ. हंसा कमलेश, नर्मदापुरम
नियमों की पालना सुनिश्चित हो
बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाओं की खरीद-बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए कड़ाई से नियमों का पालन होना चाहिेए। ऑनलाइन दवा बिक्री पर नियंत्रण सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि वहां दवा खरीदने के लिए कई बार प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं पड़ती। नियमित रूप से दवा दुकानों की जांच, प्रिस्क्रिप्शन की जांच होनी चाहिए। दवाओं के लाइसेंस को नियंत्रित करना होगा। दवा दुकानों के लिए प्रशिक्षण और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करनी होगी। - रोहित सोलंकी, नर्मदापुरम
नियमित रिकॉर्ड रखा जाए
देश मे बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाओं की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एक कठोर कानून की आवश्यकता है। इसके लिए दवा विक्रेता दवाई देने के बाद प्रिस्क्रिप्शन और बिल की एक फोटो अपने पास सॉफ्ट फाइल में सुरक्षित रख सकता है। साथ में प्रतिदिन विक्रय होने वाली दवाइयों की डिटेल अपने रजिस्टर में लिखा करे, जिससे स्टॉक को मिलाया जा सके। मेडिकल अधिकारी समय समय पर उक्त प्रक्रिया की जांच आवश्यक रूप से करे। इस तरह बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा बिक्री पर रोक लग सकती हैं। - शंकर गिरि, रावतसर
ई-प्रिस्क्रिप्शन प्रणाली शुरू हो
बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की खरीद-बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानूनों का प्रभावी पालन आवश्यक है। केवल पंजीकृत चिकित्सक के पर्चे पर ही दवाएं देने की व्यवस्था हो। मेडिकल स्टोरों की नियमित जांच, ई-प्रिस्क्रिप्शन प्रणाली, सीसीटीवी निगरानी, भारी जुर्माना एवं लाइसेंस निलंबन जैसी कार्रवाई जरूरी है। साथ ही आमजन को बिना डॉक्टर की सलाह के दवा सेवन के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना भी अत्यंत आवश्यक है। - कुशाग्र स्वामी, झालावाड़
विक्रेताओं को प्रशिक्षण देना होगा
बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाओं की बिक्री एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे मरीज की सेहत, दवाओं का दुरुपयोग, साइड इफेक्ट्स और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। इस पर नियंत्रण के लिए दवा दुकानों की नियमित जांच और सख्त कार्रवाई आवश्यक है। ड्रग इंस्पेक्टरों की नियमित रूप से छापेमारी और रिकॉर्ड की जांच से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकता है। विक्रेताओं को प्रशिक्षित करना और आम जनता में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है। इसके लिए मीडिया, स्कूलों और सामुदायिक कार्यक्रमों का उपयोग किया जा सकता है। ई-प्रिस्क्रिप्शन और डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम लागू कर निगरानी को आसान बनाया जा सकता है। - राकेश खुडिया, श्री गंगानगर
ऑनलाइन पोर्टल पर प्रिस्क्रिप्शन अपलोड हो
बिना डॉक्टर को दिखाए दवाएं लेने के कई कारण होते हैं। लोग सोचते है कि पहले ली गई दवा से उसे फायदा मिला है इसलिए वह दोबारा बिना डॉक्टर की सलाह के ही दवा ले लेता है। इंटरनेट पर भी अनेक भ्रामक जानकारी उपलब्ध होती है, जो लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवाएं लेने के लिए प्रेरित करती है, इन सब पर रोक लगनी चाहिए। चाहे डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन दे या न दे, दुकानदार को दवा बेचनी होती है। इसलिए, बिना चिकित्सक की सलाह के दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलानी जरूरी है। साथ ही, दवाओं के वितरण से पहले दुकानदार सरकारी पोर्टल पर प्रिस्क्रिप्शन अपलोड करना अनिवार्य बनाना चाहिए। इससे दवा वितरण व्यवस्था को सुधारा जा सकेगा। - अमित बड़ोले, जयपुर
जरूरी कानून बनने चाहिए
डॉक्टर की सलाह लिए बिना दवाओं के सेवन से होने वाले दुुष्परिणाम के बारे नागरिकों को जागरूक करना सबसे पहली जरूरत है। लोगों को इससे होने वाले नुकसान का उल्लेख कर उन्हें इस प्रकार दवाओं का सेवन करने से रोकना होगा। सरकार, दवाई विक्रेताओं के लिए भी इससे संबंधित आवश्यक नियम और कानून बनाए। इसके साथ ही राजकीय चिकित्सालय आम आदमी की पहुंच मे हो और चिकित्सालय का विस्तार आवश्यक है। - देव शरण, भिलाई
फार्मेसियों की नियमित जांच होनी चाहिए
बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की खरीद बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून लागू किए जाने चाहिए और फार्मेसियों की नियमित जांच होनी चाहिए। बिना पर्ची दवा देने पर जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने जैसी कड़ी सजा का प्रावधान हो। आम लोगों को स्व-औषधि के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जाए। फार्मासिस्टों को उचित प्रशिक्षण और जवाबदेही के दायरे में लाया जाए। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की दवा बिक्री पर समान रूप से कड़ी निगरानी रखी जाए। - कृष्णकुमार खीचड़, राजालानाडा
दुकानों का नियमित निरीक्षण जरूरी
बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाओं की खरीद-बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एकमात्र उपाय जन जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेने के खतरों, दवाओं की लत लगना, एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बारे में लोगों को शिक्षित किया जा सकता है। वहीं फार्मासिस्टों को उचित प्रशिक्षण देकर केंद्रीकृत डेटा तैयार किया जाए। दंड का प्रावधान और सख्त कानून लागू करने तथा दवा दुकानों का नियमित निरीक्षण जरूरी है। - शिवजी लाल मीना, जयपुर
दवा विक्रेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए
आमजन को स्वयं सतर्क रहना चाहिए और बिना चिकित्सक की सलाह के दवा नहीं लेनी चाहिए। दवा विक्रेता चिकित्सक नहीं होते, और बिना पर्ची की दवाओं के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। दवा कंपनियां और विक्रेता अक्सर कमीशन के लालच में आकर बिना पर्ची दवाइयां बेचते हैं, जिससे कालाबाजारी बढ़ती है। राज्य और केंद्रीय दवा नियंत्रण प्राधिकरण को दवा कंपनियों और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जैसे भारी जुर्माना और कानूनी सजा का प्रावधान। दवा विक्रेताओं की नियमित निरीक्षण और बिक्री को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्रणाली लागू की जानी चाहिए। - लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
Published on:
21 Dec 2025 04:24 pm
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