पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं, प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
सभी एक-दूसरे से जुड़े रहें
प्रेम , विश्वास व संस्कार ही संयुक्त परिवार का आधार होता है। एकल परिवार में इन मूल्यों का अभाव दिखाई देता है। आज के दौर में, हमें खुद को बदलना होगा। छोटे परिवार में भी संयुक्त परिवार का वातावरण बन सकता है। यदि सभी एक- दूसरे से जुड़े रहें , भावनाओं की कद्र करें तो परिवार को हंसता-खेलता व ' घर ' को मंदिर बनाया जा सकता है । - गजानन पांडेय, हैदराबाद
हमारी संस्कृति की नींव
संयुक्त परिवार हमारी संस्कृति की नींव है, जहां स्नेह, सहयोग और संस्कारों का संगम होता है। बुजुर्गों की सीख, बच्चों की हंसी और युवाओं का उत्साह, यही उसकी पहचान है। थोड़ा त्याग, थोड़ा समझौता और बहुत सारा प्यार, इन्हीं से जुड़ती हैं रिश्तों की डोर बार-बार। जब मैं की जगह हम का भाव पनपता है, तभी संयुक्त परिवार सच्चे अर्थों में जीवित रहता है। - डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर
तालमेल ही उचित उपाय
युवा पीढ़ी स्वयं बड़ों का सम्मान कर बच्चों को बचपन से ही संस्कारित करे। घर के बुजुर्ग अपनी सलाह तो दें किंतु अपना मत थोंपे नहीं वरन् तालमेल बिठाने का प्रयास करें और बच्चे दोनों के बीच की कड़ी बनें। - सरोज जैन, खंडवा (मप्र)
सम्मान और सहयोग की भावना महत्त्वपूर्ण
संयुक्त परिवार बचाए रखने के मुख्य उपाय, आपसी सम्मान और संवाद के साथ साझा किया गया समय और भोजन, जिम्मेदारियों का बंटवारा, निर्णयों में भागीदारी, व्यक्तिगत स्थान का सम्मान के साथ साथ सहिष्णुता का होना अत्यधिक आवश्यक है! - राहुल मुदगल, आगरा ( उत्तर प्रदेश)
संयुक्त रूप से बैठकर फैसले लें
संयुक्त परिवार परंपरा को बचाए रखने के लिए परिवार के सभी सदस्यों में परस्पर आपसी समझ, सहनशीलता, एक दूसरे के प्रति त्याग की भावना, विश्वास सभी के प्रति आदर और सम्मान आवश्यक है l दिन प्रतिदिन के लिए संयुक्त रूप से बैठ कर निर्णय लें। ये सभी गुण आने वाले पीढ़ी में भी स्थापित किए जाने चाहिए l त्योहार, परंपराओं को सभी मिलकर साथ निभाना चाहिए l सम्भव हो तो कम से कम एक समय का भोजन का आनंद साथ लेना चाहिए। - ओम प्रकाश छापरवाल, अजमेर