पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
महिलाओं के डिजिटल सशक्तीकरण की आवश्यकता
उद्योगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए डिजिटल साक्षरता बेहद जरूरी है। छोटे व्यवसायों में डिजिटल उपकरणों का उपयोग बढ़ाकर महिलाओं को अधिक अवसर दिए जा सकते हैं। विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अपनी क्षमताओं को पहचानकर उद्योगों में प्रभावी योगदान दे सकेंगी। - प्रवेश भूतड़ा, सूरत
सुरक्षित आवास और कुटीर उद्योगों का विस्तार जरूरी
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए हर जिले और पंचायत में कुटीर उद्योग स्थापित किए जाएँ। दूर-दराज से आने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित, सर्वसुविधायुक्त तथा निशुल्क आवास उपलब्ध हो। उद्योग परिसरों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और महिला पुलिस हों। सिलाई, मसाले, जूट बैग आदि का प्रशिक्षण देकर रोजगार भी उपलब्ध कराया जाए। - आलोक वालिम्बे, बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
बचपन से रोजगार विकल्पों की समझ दी जाए
महिलाओं की उद्योगों में भागीदारी तब बढ़ेगी, जब लड़कियों को बचपन से ही विभिन्न रोजगार अवसरों की जानकारी दी जाए। इससे वे समझ पाएंगी कि नौकरी के अलावा भी कई रास्ते हैं और उनमें उद्यम बनने की इच्छा विकसित होगी। महिलाएं स्वभाव से बचत और प्रबंधन में अच्छी होती हैं, जिसे सही दिशा दी जानी चाहिए। - डॉ. चांदनी श्रीवास्तव, रायपुर (छत्तीसगढ़)
कुटीर उद्योग प्रशिक्षण से बढ़ेगी भागीदारी
महिलाओं को उद्योगों से जोड़ने का सबसे उपयुक्त तरीका है कि उन्हें गृह एवं कुटीर उद्योगों का प्रशिक्षण दिया जाए। छोटे स्तर पर काम शुरू करने से वे उद्योगों के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बनती हैं। सरकार को नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर महिलाओं को कौशल प्रदान करना चाहिए, ताकि वे आगे चलकर उद्योगों से जुड़ सकें। - ओमप्रकाश श्रीवास्तव, उदयपुरा (मध्य प्रदेश)