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BWF World Junior Championships: तन्वी शर्मा ने रचा इतिहास, 17 साल में पहली बार किसी भारतीय शटलर ने पदक किया पक्का

16 वर्षीय तन्वी ने दबाव में भी अपना संयम बनाए रखा और अपने क्रॉस-कोर्ट स्लाइस हिट्स से विजयी अंक लेकर 47 मिनट तक चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मात्सुमोतो को 13-15, 15-9, 15-10 से हराया। इस मुकाबले ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

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Oct 18, 2025
भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी तन्वी शर्मा (Photo - IANS)

BWF World Junior Championships: तन्वी शर्मा बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप में बीते 17 साल में पदक पक्का करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने शुक्रवार को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में एक गेम से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जापान की साकी मात्सुमोतो को हराकर लड़कियों के एकल सेमीफाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया।

16 वर्षीय तन्वी ने दबाव में भी अपना संयम बनाए रखा और अपने क्रॉस-कोर्ट स्लाइस हिट्स से विजयी अंक लेकर 47 मिनट तक चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मात्सुमोतो को 13-15, 15-9, 15-10 से हराया। इस मुकाबले ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

विश्व जूनियर चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली आखिरी भारतीय महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल थीं, जिन्होंने 2008 में पुणे में हुए संस्करण में स्वर्ण पदक जीता था। साइना ने 2006 में रजत पदक जीता था और उनके अलावा अपर्णा पोपट (1996 में रजत पदक) प्रतियोगिता के इतिहास में पोडियम पर पहुंचने वाली एकमात्र अन्य भारतीय महिला खिलाड़ी रही हैं।

इस साल की शुरुआत में बैडमिंटन एशिया जूनियर चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीतने वाली शीर्ष वरीयता प्राप्त तन्वी ने आक्रामक शुरुआत की और ऐसा लग रहा था कि वह नियंत्रण में हैं।उन्होंने 10-6 की बढ़त बना ली। लेकिन कुछ गलतियों के कारण मात्सुमोतो ने वापसी की और फिर इस जापानी खिलाड़ी ने लगातार सात अंक जीतकर बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी ने बढ़त तो बना ली, लेकिन गेम हारने से नहीं बच सकीं।

यूएस ओपन की फाइनलिस्ट दूसरे गेम में अपने शॉट चयन को लेकर ज़्यादा सहज दिखीं और 15-9 से जीत हासिल की। हालांकि, तीसरे गेम की शुरुआत में गलतियों ने एक बार फिर उसे पीछे धकेल दिया और यह स्पष्ट था कि शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी दबाव में थी क्योंकि खिलाड़ियों ने पाला बदल दिए थे और भारतीय खिलाड़ी 5-8 से पीछे थी।

यह घबराहट निश्चित रूप से कम हुई क्योंकि उसने लगातार चार अंक हासिल करके 9-8 की बढ़त बना ली और फिर अपने फ्लैट टॉस और क्रॉस स्मैश का इस्तेमाल करके अपनी प्रतिद्वंद्वी को मात दी।

तन्वी का सामना अब चीन की लियू सी या से होगा। उन्होंने कहा, "मात्सुमोतो के खिलाफ खेलना मुश्किल है क्योंकि वह खेल को धीमा कर देती हैं। इसलिए, मुझे पता था कि मुझे आक्रामक होना होगा। मुझे खुशी है कि मेरा पदक पक्का है।"
चीनी खिलाड़ी ने दूसरे क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की रानीथमा लियानागे को 15-9, 15-6 से हराया।

हालांकि, लड़कियों के एकल वर्ग में भारत की एक और पदक की उम्मीदें तब टूट गईं जब आठवीं वरीयता प्राप्त उन्नति हुड्डा थाईलैंड की दूसरी वरीयता प्राप्त अन्यापत फिचितप्रीचासाक से 32 मिनट में 15-12, 15-13 से हार गईं। लड़कों के एकल क्वार्टर फ़ाइनल में, ज्ञान दत्तू ने चीन के तीसरी वरीयता प्राप्त लियू यांग मिंग यू को कड़ी टक्कर दी, लेकिन उनका जोशीला प्रयास 15-11, 15-13 से हार से बचने के लिए पर्याप्त नहीं था।

भव्य छाबड़ा और विशाखा टोप्पो की मिश्रित युगल जोड़ी भी क्वार्टर फ़ाइनल में चीनी ताइपे के हंग बिंग फू और चोउ युन एन से 15-9, 15-7 से हार गई।

Published on:
18 Oct 2025 09:25 am
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