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पीवी सिंधु के करियर का सबसे खराब साल, एक के बाद एक 13 मुक़ाबले हारे, वर्ल्ड चैम्पियनशिप में इतिहास रचने से भी चूकीं

वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधु का रिकॉर्ड शानदार रहा है। वे अबतक पांच पदक जीत चुकी हैं। लेकिन क्वार्टर फाइनल में मिली हार के साथ वे महिला सिंगल्स में सबसे ज्यादा मेडल जीतने वाली खिलाड़ी बनने से चूक गईं।

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Aug 30, 2025
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु (Photo - BFI)

PV Sindhu, World badminton Championship: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी और दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु के लिए साल 2025 अब तक किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हुआ है। सिंधु ने इस साल जहां 13 मुकाबले हारे, वहीं केवल 9 मैचों में जीत दर्ज कर पाईं। यही नहीं, पूरे सीजन में वह केवल दो टूर्नामेंट्स में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रहीं।

साल 2025 में टूर्नामेंट-दर-टूर्नामेंट निराशा

  • इंडिया ओपन 2025: क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं
  • इंडोनेशिया मास्टर्स: पहले ही राउंड (राउंड ऑफ-32) में हार
  • ऑल इंग्लैंड ओपन और स्विस ओपन: शुरुआती दौर में बाहर
  • एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप: राउंड ऑफ-16 में जापान की अकाने यामागुची से हार
  • मलेशिया मास्टर्स: पहले ही मैच में हार
  • सिंगापुर ओपन और इंडोनेशिया ओपन: दोनों में राउंड ऑफ-16 में हार
  • जापान ओपन: पहले ही राउंड में बाहर
  • चाइना ओपन: हमवतन उन्नति हुड्डा ने राउंड ऑफ-16 में हराया

वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2025: इतिहास रचने का मौका गंवाया

वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधु का रिकॉर्ड शानदार रहा है। 2019 में गोल्ड मेडल, 2017 और 2018 में दो सिल्वर और 2013 और 2014 में दो ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं। वे वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के इतिहास में भारत की सबसे सफल बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। इस साल भी उनसे एक और मेडल की उम्मीद थी। लेकिन वे इससे चूक गईं और क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इंडोनेशिया की नौवीं वरीयता पुत्री कुसुमा वर्दानी से 14-21, 21-13, 16-21 से हरा गईं। इस हार के साथ वे वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पिनशिप में छठा पदक जीतने से चूक गईं।

वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2025 में ऐसा रहा प्रदर्शन

सिंधु ने टूर्नामेंट की शुरुआत शानदार की। उन्होंने पहले राउंड में बुल्गारिया की कैलोयाना नाल्बंतोवा को 23-21, 21-6 से हराया। इसके बाद राउंड ऑफ 32 में मलेशिया की करुपथेवन लेतशाना को 21-19, 21-15 से मात दी। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने विश्व नंबर 2 वांग झी यी को 21-19, 21-15 से हराकर सबको चौंका दिया। लेकिन क्वार्टर फाइनल में उन्हें हार का सामन करना पड़ा। इस हार के साथ वह महिला सिंगल्स में सबसे ज्यादा मेडल जीतने वाली खिलाड़ी बनने से चूक गईं।

भारत की बैडमिंटन क्वीन हैं पीवी सिंधु

पीवी सिंधु ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। रियो ओलंपिक 2016 में सिलवाए और टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रॉन्ज पदक जीतकर उन्होंने भारत का नाम रोशन किया। 2019 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली वह पहली भारतीय बनीं। इसके अलावा, उनके पास कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय खिताब हैं। हालांकि, 2022 के बाद से चोटों और फॉर्म में गिरावट ने उनके करियर को प्रभावित किया है। 2025 में विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर फिसलने के बावजूद, सिंधु का कहना है, “मुझमें अभी भी बहुत कुछ बाकी है। मैं शीर्ष पर वापसी करना चाहती हूं।”

Published on:
30 Aug 2025 08:01 am
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