सिम शुरू हुए बिना बीएसएनएल की ओर से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और तत्कालीन उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ को दिए गए एक लाख से अधिक के बिल मामले में 9 वर्ष बाद अब उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया है।
पाली। सिम शुरू हुए बिना बीएसएनएल की ओर से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और तत्कालीन उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ को दिए गए एक लाख से अधिक के बिल मामले में 9 वर्ष बाद अब उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया है। आयोग ने बीएसएनएल को 6 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही लापरवाही बरतने पर महाप्रबंधक पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
मदन राठौड़ ने वर्ष 2016 में लंदन की राजनीतिक यात्रा के लिए इंटरनेशनल रोमिंग सुविधा लेने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) से सिम कार्ड खरीदा था, लेकिन वह चालू ही नहीं हुआ। इसके बावजूद बीएसएनएल ने उन्हें 1 लाख 9 हजार 654 रुपए का बिल थमा दिया।
राठौड़ ने बिल मिलने पर जनवरी 2017 में राशि जमा करा दी, इसके बाद जून 2017 में अधिवक्ता मनीष ओझा के माध्यम से पाली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में बीएसएनएल के खिलाफ परिवाद दर्ज किया।
सुनवाई बाद आयोग ने आदेश दिया कि बीएसएनएल राठौड़ को 1 लाख 8 हजार 540 रुपए की राशि 9 जून 2018 से 6 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाए। इसके अलावा आयोग ने 30 हजार रुपए मानसिक क्षति और परिवाद व्यय के देने के आदेश दिए हैं।