दुर्गाष्टमी पर साधकों ने किया माता अम्बे का पूजन, कन्याओं को भोजन करवाकर लिया आशीर्वाद
Durga Ashtami 2025 : पाली। शक्ति की आराधना के आठवें दिन दुर्गाष्टमी पर मंगलवार को श्रद्धालुओं ने माता के आठवें रूप महागौरी की आराधना कर खुशहाली की कामना की। माता के मंदिरों में सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की कतार लगी। माता का जयकारा गूंजता रहा।
दुर्गाष्टमी पर सुबह साधकों ने घरों व मंदिरों में माता का पूजन कर हवन वेदी में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों के साथ घी व शाकल्य की आहुतियां देकर शीश नवाया। माता का रूप मानकर 3 से 10 वर्ष तक की कन्याओं के चरण जल व दूध से धोए। कन्याओं के भाल पर तिलक लगाकर व चुनड़ी ओढ़ाकर उनको भोजन करवाया। कन्याओं को उपहार व दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया। उनके साथ ही दो बालकों का पूजन काला-गौरा भैरू के रूप में किया।
शहर के जोगमाया मंदिर, जूना मठ हिंगलाज माता मंदिर, मानपुरा स्थित चामुण्डा माता मंदिर, गजानन मार्ग हिंगलाज माता मंदिर, देवी माता मंदिर, करणी माता, पूनागर माता मंदिर, गाजण माता मंदिर सहित सभी देवी मंदिरों में माता का विशेष पूजन कर श्रंगार किया गया। माता के दर्शन करने कई लोग पैदल व वाहनों से पूनागर के साथ गाजण माता, आशापुरा माता नाडोल गए।
बाह्मण स्वर्णकार समाज व करणी माता मंदिर ट्रस्ट की ओर से दुर्गाष्टमी पर करणी माता मंदिर में माता का पूजन किया गया। कन्याओं के सामूहिक रूप से समाजबंधुओं ने दूध से चरण धोए। उनका पूजन किया। ट्रस्ट सदस्य दीपक सोनी ने बताया कि माता की शाम को 108 दीपक से महाआरती की गई। महिलाओं में मेहंदी का वितरण किया गया। गोपाल महेचा, जयेश मण्डोरा, नवीन सोनी, राजेश सोनी, गोटी सोनी आदि ने सहयोग किया।
शहर के निकट पूनागरभाखरी पर विराजमान पूनागर माता के दरबार में मेला भरा। पहाड़ी पर 570 सीढि़यां चढ़कर श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में शीश नवाया। वहां महंत आनंद पुरी की निश्रा में श्रद्धालुओं ने हवन वेदी में आहुतियां दी। भाखरी की तलहटी में सजे हाट बाजार में मेलार्थियों ने खरीदारी की। व्यंजनों का लुत्फ उठाया। माता के दर्शन करने के लिए कई लोग पैदल भी गए। इसी तरह गाजण माता से सुख-समृद्धि की कामना करने के लिए भी दर्शनार्थी पैदल व वाहनों से गए।