नाडोल के निकट खारड़ा गांव की रहने वाली एक बेटी ने जीवनदाता पिता के प्रति अपना फर्ज निभाया। उसने अपना लिवर दान कर पिता की टूटती सांसें लौटाई।
पाली। नाडोल के निकट खारड़ा गांव की रहने वाली एक बेटी ने जीवनदाता पिता के प्रति अपना फर्ज निभाया। उसने अपना लिवर दान कर पिता की टूटती सांसें लौटाई। बेटी दीप्ति राज मेड़तिया का कहना है कि जिन्होंने मुझे ये जीवन दिया। जिनकी मैं छाया हूं, उनके लिए लिवर का एक हिस्सा नहीं यदि पूरा लिवर भी देना पड़ता तो मैं एक क्षण के लिए विचार नहीं करती। ये मेरा सौभाग्य है कि पूरे परिवार में सिर्फ मैं अपने पापा की जीवन रक्षक बन सकी।
खारड़ा गांव के रहने वाले जितेन्द्रसिंह मेड़तिया पुत्र गणपतसिंह मेड़तिया (46) का लिवर खराब हो गया। इस पर परिजन उनको जोधपुर ले गए। वहां से अहमदाबाद ले गए। उसके बाद जोधपुर एम्स में उपचार कराया। वहां से उदयपुर में दो साल तक डॉ. आशीष मेहता ने उपचार किया। उन्होंने जब लिवर बदलने को कहा तो एक बारगी तो परिजनों की चिंता बढ़ गई।
परिजनों ने इसके लिए डोनर खोजने की सोची, लेकिन चिकित्सकों ने बोला कि डोनर नहीं मिल सकता है। परिजन लिवर डोनेट कर सकते हैं। दादा-दादी व नाना-नानी की उम्र अधिक थी। भाई-बहन का रक्त समूह अलग था। इस पर बेटी दीप्ति राज मेड़तिया (21) ने रक्त जांच करवाई। उनका रक्त ग्रुप ओ पॉजिटिव था। पिता को वह लिवर दे सकती है। इस पर दीप्ति ने दादा गणपतसिंह, दादी बसंत कंवर व मां रिंकू कंवर सहित परिजनों के मना करने के बावजूद पिता को अपना लिवर दान किया।
दीप्ति ने बताया कि मेरे लिवर देने को लेकर परिजन तैयार नहीं थे। चिकित्सकों ने बताया कि लिवर देने के तीन माह के बाद कोई परेशानी नहीं होती है। पूरा जीवन सामान्य रूप से जी सकते हैं। इससे मेरा लिवर देने का मानस अधिक मजबूत हुआ। मेरी जिद के आगे सभी हार गए।
दीप्ति ने बताया कि गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में मेरे लिवर का हिस्सा रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से निकाला गया। इसके बाद पिता में स्थानान्तरित किया गया। यह ऑपरेशन करीब 15 घंटे तक चला। यह सर्जरी 29 अगस्त को की गई थी। उसके बाद से अब पिता व पुत्री दोनों चिकित्सकों की देखरेख में हैं। उनको एक माह तक रखा जाएगा।
दीप्ति कहती हैं पापा को नया जीवन मिलने के बाद पूरा परिवार खुश है। मैं भी पूरी तरह से स्वस्थ हूं। मां कहती हैं कि ऐसी बेटी सभी को मिलनी चाहिए। यह काम बेटा भी नहीं कर सकता, जो मेरी बेटी ने किया है। दीप्ति के एक 15 साल की बहन निधि और 9 साल का भाई श्रवणसिंह है।