पाली शहर में मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज ने मनाई महाराजा अजमीढ़ की जयंती
पाली शहर में मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की ओर से सोमवार को महाराजा अजमीढ़ की जयंती श्रद्धा व उल्लास से मनाई गई। बैण्ड बाजों की मधुर धुन के साथ शोभायात्रा निकाली गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।
समाजबंधुओं की ओर से अग्रसेन भवन से जयकारों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। झांकियों से सजी शोभायात्रा में युवा, महिलाएं, बच्चे व समाजबंधु नृत्य करते चले। शोभायात्रा पानी दरवाजा, सर्राफा बाजार, उदयपुरिया बाजार, चूड़ीघर बाजार, रुई कटला, धानमंडी, सोमनाथ मंदिर, भैरूघाट होते हुए वापस अग्रसेन भवन पहुंचकर विसर्जित हुई। शोभायात्रा में राम-सीता, महाराजा अजमीढ़, स्वर्णकार समाज के पारंपरिक व्यवसाय की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही।
शोभायात्रा की अगवानी झांसी की रानी के रूप में एक युवती ने की। समिति प्रवक्ता अशोक अग्रोया ने बताया कि केसरिया ध्वज लहराते हुए युवाओं ने नासिक ढोल पर नवयुवक मंडल अध्यक्ष रविन्द्र रोड़ा के नेतृत्व में नृत्य किया। महिला मंडल अध्यक्ष सोना अडाणिया के नेतृत्व में महिलाएं चुंदड़ीसाड़ी पहनकर चली। शोभायात्रा का शहर में जगह-जगह शहरवासियों ने स्वागत किया। समिति अध्यक्ष देवीलाल अडाणिया के साथ समाजबंधुओं ने अग्रसेन भवन पहुंचने पर महाराजा की विशेष आरती की।
शोभायात्रा के बाद पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, पूर्व सभापति महेन्द्र बोहरा की मौजूदगी में समाज के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। समाज की 51 प्रतिभाओं का स्वर्ण, रजत पदक, मोमेंटो व प्रमाणपत्र देकर सम्मान किया गया। भामाशाहों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। संचालन गुणप्रकाशकड़ेल ने किया। कार्यक्रम में रामनिवास रोड़ा, गणपतलाल अग्रोया, महेश भामा, जगदीश खजवानिया, भावेश अडाणिया, पवन अग्रोया, नीरज सहदेव, योगेश भामा, हेमराज जांगलवा आदि मौजूद रहे।