पन्ना

एशिया की सबसे उम्र दराज हथिनी ने दुनिया को कहा अलविदा, केरल से एमपी आई थी ‘वत्सला’

Asia oldest elephant Vatsala Died: पन्ना टाइगर रिजर्व में शोक, दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी की पहचान पाने से चूकी वत्सला काफी दिन से थी बीमार... केरल के नीलांबुर में जन्मीं वत्सला को 1972 में लाया गया था एमपी

2 min read
Jul 09, 2025
103 Years old Elephant Vatsala Died in panna tiger Reserve (Photo Source- Patrika)

Asia oldest elephant Vatsala Died in panna tiger reserve: पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे उम्र दराज हथिनी वत्सला ने मंगलवार को दुनिया से विदा हो गई। वह पिछले काफी दिनों से बीमार थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे उसकी मौत हुई। पार्क में वह अन्य हथिनियों के बच्चों की देखभाल में अहम रोल निभाती थी। इस कारण उसे दादी कहा जाता था। टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने वत्सला को दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी का खिताब दिलाने (गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड) का प्रयास किया था। लेकिन दस्तावेजी प्रमाण के अभाव में वह रिकॉर्ड से चूक गई थी। फिलहाल यह रिकॉर्ड ताइवान के चिडिय़ाघर के हाथी लिन वांग का नाम दर्ज है। जिसकी मौत 86 की उम्र में हुई थी। पार्क प्रबंधन ने सबसे उम्र दराज हाथी की मौत पर शोक जताया। पार्क में उसका विधिवत अंतिम संस्कार भी कराया गया।

केरल से मप्र लाई गई थी वत्सला

वन्य प्राणी विशेषज्ञों के अनुसार, हाथियों की औसत आयु 50 से 70 वर्ष होती है। 70 की उम्र तक हाथी के दांत गिर जाते हैं। वत्सला के दांत 2000 से ही नहीं थे। केरल के नीलांबुर फॉरेस्ट में जन्मी वत्सला को 1972 में होशंगाबाद के बोरी अभयारण्य लाया गया था। इस दौरान उसकी उम्र करीब 50 साल थी।

मोतियाबिंद के कारण दिखना बंद हुआ

वन्य प्राणी विशेष डॉ संजीव कुमार गुप्ता बताते हैं कि उम्र की वजह से फरवरी 2020 में वत्सला की दोनों आंखों में मोतियाबिंद हो गया। उसे देखने में दिकत होती थी। संरक्षक उसे सूंड या कान पकड़कर जंगल में घुमाने ले जाते थे। बिना सहारे के वह ज्यादा दूर तक नहीं चल सकती थी। हाथियों के कुनबे में शामिल छोटे बच्चे भी टहलने में वत्सला की मदद करते थे। वत्सला शांत और संवेदनशील थी।

Updated on:
09 Jul 2025 11:16 am
Published on:
09 Jul 2025 09:32 am
Also Read
View All

अगली खबर