जदयू नेता अशोक चौधरी ने शुक्रवार को प्रशांत किशोर के आरोपों का पलटवार किया है। अशोक चौधरी ने कहा कि मेरी घोषित संपत्ति के अलावा 1 धुर जमीन भी कोई दिखा देगा तो मैं उसकी गुलामी करने को तैयार हूं। कल कोई आए और कहे कि ट्रंप के साथ मेरा पार्टनरशिप है तो इसका क्या मतलब है?
बिहार सरकार में मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए संपत्ति और फंडिंग के आरोपों पर कड़ा जवाब दिया है। शुक्रवार को दिए बयान में चौधरी ने कहा कि आरोप किसी को भी लगा सकते हैं, लेकिन अगर कोई उनके बारे में यह साबित कर दे कि उनकी घोषित संपत्ति 200–500 करोड़ है या उनके नाम पर कोई बड़ी जमीन है, तो वह “मरने और उसकी गुलामी करने” तक को तैयार हैं।
अशोक चौधरी ने कहा, “आरोप लगाना कोई बड़ी बात नहीं, कोई भी कुछ भी कह सकता है। कल कोई आए और कहे कि इनका ट्रंप के साथ पार्टनरशिप है, तो क्या मैं उसे साबित कर दूँगा? मेरी घोषित संपत्ति के बारे में जो बातें चल रहीं हैं, कोई दिखा दे कि मेरी संपत्ति इतनी बड़ी है, मैं मरने को तैयार हूं।” चौधरी के इस तीखे अंदाज ने दोनों तरफ की सियासत गरमा दी है।
चौधरी ने सरकार की हालिया महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की मदद संबंधी योजना की भी जमकर रक्षा की। उन्होंने कहा कि यह योजना चुनाव के ठीक पहले नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और स्थायी विकास के तहत लाई गई पहल है। कई राज्यों ने छोटी-छोटी राशियां दी, जैसे 1,500, 2,000 लेकिन नीतीश कुमार ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट के एजेंडे के तहत 10 हजार रुपये दिए हैं, आगे और भी सहायताएं दी जाएंगी।
कैबिनेट की बैठक के संबंध में पूछे जाने पर अशोक चौधरी ने कहा कि बैठक अंतिम है या नहीं, यह सरकार पर निर्भर करता है और आज कैबिनेट होने की बात दोहराई। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव आयोग के प्रतिनिधि मंडल से बैठक कर आवश्यक बातें का निस्तारण किया जाता है।
प्रशांत किशोर के आरोपों को राजनीतिक तौर पर खतरनाक बताये जाने या राजनीतिक हत्या जैसे दाग लगाने के इशारों पर चौधरी ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप से उनकी राजनीतिक पहचान मिटने वाली नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, “मैं दलित का बेटा हूँ, किसी से कम नहीं, किसी की शान पर बिना सबूत इल्ज़ाम नहीं चलने दूंगा ।”
पिछले हफ्तों में प्रशांत किशोर ने कई भाजपा नेता और जदयू नेताओं पर भ्रष्टाचार आऊर अपराध को लेकर आरोप लगाए थे, जिसमें अशोक चौधरी का नाम भी था। अशोक चौधरी का यह जवाब उन्हीं आरोपों का सीधा और तीखा प्रतिवाद माना जा रहा है।
राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि अशोक चौधरी का बयान विपक्षी हमले के जवाब में उनकी पोजिशन को स्पष्ट करने के लिए किया गया। अब देखने वाली बात यह है कि प्रशांत किशोर या उनका संगठन इस चुनौती का क्या जवाब देता है। क्या वे सबूत के रूप में कोई दस्तावेज पेश करेंगे या आरोप-प्रत्यारोप के स्तर पर मनोवैज्ञानिक राजनीतिक जंग आगे बढ़ेगी।