नीतीश कुमार ने याद दिलाया है कि 2005 में सत्ता संभालने के बाद से महिला सशक्तीकरण उनकी सरकार की पहचान रहा है।
बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होंगे, जिससे पहले बिहार सरकार तरह-तरह की लोकलुभावन योजनाओं का ऐलान कर रही है। इस कड़ी में बिहार सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा की। योजना के तहत राज्य के हरेक परिवार की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। सीएम नीतीश कुमार ने इसे अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि इसका असर दूरगामी होगा। उन्होंने याद दिलाया कि 2005 में सत्ता संभालने के बाद से महिला सशक्तीकरण उनकी सरकार की पहचान रहा है।
योजना के तहत महिलाओं को शुरुआत में 10,000 रुपये की पहली किस्त मिलेगी। आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। ग्रामीण विकास विभाग इस योजना को लागू करेगा, जबकि जरूरत पड़ने पर शहरी विकास व आवास विभाग भी मदद करेगा। सरकार के अनुसार, सितंबर 2025 से सीधे बैंक खातों में फंड ट्रांसफर शुरू हो जाएगा।
योजना का दूसरा चरण और भी बड़ा है। रोजगार शुरू करने के छह महीने बाद महिलाओं के कामकाज का मूल्यांकन किया जाएगा। सफल होने पर उन्हें अधिकतम 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद दी जा सकेगी। सरकार का मानना है कि इससे महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि स्थायी स्वरोजगार के मौके भी पैदा होंगे।
महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने गांव से लेकर शहर तक हाट-बाजार विकसित करने की भी घोषणा की है। इससे उन्हें अपने सामान बेचने का स्थायी मंच मिलेगा। सीएम नीतीश ने कहा कि इस योजना से महिलाओं की सामाजिक स्थिति मजबूत होगी और रोजगार के अवसर यहीं बिहार में पैदा होंगे। उन्होंने दावा किया कि अब लोगों को मजबूरी में राज्य से बाहर काम करने नहीं जाना पड़ेगा। सरकार को उम्मीद है कि यह पहल राज्य में महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगी।