NDA Seat Sharing एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर लगातार बैठक हो रही है। लेकिन, घटक दलों की तानातानी इसपर आम सहमति नहीं बन पा रही है। एनडीए सूत्रों का कहना है कि चुनाव की घोषणा के बाद अब संभवत: इसपर मुहर लगेगी।
NDA Seat Sharing: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर अब कुछ ही समय बचा हैं। इसको लेकर राजनीतिक तापमानबढ़ा हुआ है। सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में खींचतान जारी है। विवाद केवल सीटों की संख्या पर ही अटका है, बल्कि दो और भी कई कारण हैं जिनकी वजह से गठबंधन के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। कुछ दिन पहले अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच इस मुद्दे पर बंद कमरे में बात भी हुई थी। लेकिन, बात बन नहीं पायी थी।
एनडीए में सीट शेयररिंग दो स्तर पर फंसा है। पहला है सीटों की संख्या और दूसरा सीट। सहयोगी दल बीजेपी की जीती हुई सीटों पर ही दावा कर रहे हैं। इस सीट पर वर्ष 2020 के चुनाव में बीजेपी जीती है। बीजेपी के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है। सहयोगी दलों के इस दावे के बाद सीटों के अदला बदली को लेकर भी मामला फंसता नजर आ रहा है। एनडीए में इसको लेकर कई दौर की बैठक हो चुकी है। लेकिन, बात बनी नहीं है। यही कारण है कि इसकी घोषणा हुई नहीं है।
एनडीए घटक दलों के बीच इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि कब सीटों का बंटवारा होगा। कौन कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगा। सीटों का अदला बदली होगा तो कौन सीट किस घटक दल के पास होंगे। किसका टिकट कट रहा है? इन सारे सवालों का हल निकलाने के लिए घटक दल निरंतर बैठक कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि चुनाव की घोषणा के बाद ही इस प्रकार का सवाल कर रहे लोगों को जवाब मिल पायेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दशहरा के बाद कभी भी आचार संहिता लागू हो सकता है। इसकी चर्चा इसलिए हो रही है कि वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को होना है। इधर, चुनाव आयोग के पास भी समय कम है। इस कारण चुनाव आयोग तकरीबन एक माह के अंदर अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनाव परिणाम घोषित को लेकर अपनी तैयारी कर रहा है। वोटर लिस्ट के प्रकाशन के साथ ही चुनाव आयोग चुनाव का डेट भी जारी कर देगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए में जदयू को 122 सीटें और बीजेपी को 121 सीटें मिली थी। सीटों के बंटवारे के साथ ये भी तय हुआ था कि दोनों बड़ी पार्टी अपने हिस्से में से हम और VIP को सीट देगी। इसके तहत जदयू ने जीतनराम मांझी की हम पार्टी को 7 सीटें दी थी और बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी को 11सीटें दी थी। इस प्रकार जदयू 2020 में 115 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। जबकि 110 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ी थी। लेकिन, 2025 की स्थिति भिन्न है। एनडीए गठबंधन में इस दफा चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी शामिल है। जबकि पिछले दफा के गठबंधन से एक साथी एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ हैं। हालांकि बीजेपी अपने पुराने साथी वीआईपी को एक बार फिर अपने साथ जोड़ने में लगी है।
एनडीए के बड़े नेता का कहना है कि सीटों में अदला बदली हो सकती है। इसका एक दो दिनों में हल निकाल लिया जायेगा। सीटों पर कब फैसला होगा? इसपर उन्होंने कहा कि आचार संहिता लगने के बाद सीटों की हिस्सेदारी की घोषणा होगी। अभी तक जो समीकरण सामने आया है उसके अनुसार बीजेपी चिराग पासवान की पार्टी को 20 सीटें लोजपा(आर) को देने को राजी हो गई है। जदयू हम को 8 से 10 और रालोमो को 6 से 8 सीट दे सकती है। हम इसके लिए तैयार नहीं है। हम कम से कम 15 सीटों की मांग कर रही है।