पटना

Bihar Elections 2025 : धमाका करने आ रही हैं एक्ट्रेस से लेकर पूर्व सीएम की पोती, जानिए कौन हैं ये नए चेहरे

बिहार विधानसभा के लिए 6 और 11 नवंबर 2025 को मतदान होगा।

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Oct 14, 2025

बिहार के विधानसभा चुनाव कई कारणों से लगातार चर्चा में हैं। विधानसभा चुनाव में 6 और 11 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पार्टियों के बीच महिलाओं को टिकट देकर वोट बटोरने की होड़ लगी हुई है। चुनाव आयोग के अनुसार राज्य में 7 करोड़ से ज्यादा वोटर हैं, जिनमें से 3.5 करोड़ महिला वोटर हैं। इस चुनाव में कई महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेंगी। आइए जानते हैं, इन नए चेहरों के बारे में:

ज्योति सिंह

भोजपुरी कलाकार पवन सिंह की पत्नी व अभिनेत्री ज्योति सिंह कराकट से निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं। अपने पति पवन सिंह से तलाक के केस की वजह से वह चर्चा में हैं। हाल में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ज्योति लखनऊ में पवन सिंह के घर पहुंची थीं। उसके बाद काफी विवाद हुआ था। इसके बाद वह इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट और जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर से भी मिलीं, जिसके बाद ही उनके चुनाव लड़ने की खबरों ने जोर पकड़ा।

प्रीति किन्नर

एक सामाजिक कार्यकर्ता, जो थर्ड जेंडर समुदाय से आती हैं। वह जन सुराज पार्टी के टिकट पर भोरिया (आरक्षित) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। उनका मुकाबला वर्तमान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार से होगा, जो इस सीट से वर्तमान विधायक हैं।

जागृति ठाकुर : कर्पूरी ठाकुर की पोती

डॉ. जागृति ठाकुर बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की पोती हैं। वह जन सुराज पार्टी से पहली बार समस्तीपुर की मोरवा सीट से चुनाव लड़ेंगी। 9 अक्टूबर को पार्टी ने 51 उम्मीदवारों की लिस्ट में इनका नाम घोषित हुआ। दादाजी कर्पूरी की तरह वे बेरोजगारी, स्कूल और गांव की तरक्की चाहती हैं।

लता सिंह

लता सिंह बिहार के 2025 विधानसभा चुनाव में अस्थावां सीट से जन सुराज पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी हैं। लता का फोकस बिहार में रोजगार, शिक्षा और विकास के साथ-साथ अस्थावां में बाढ़ और किसानों की समस्याओं पर भी है।

बिहार चुनाव 2020 में महिला उम्मीदवारों की स्थिति

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महिलाओं की भागीदारी देखें तो कुल 243 सीटों में से 113 महिलाओं को टिकट मिला था, लेकिन सिर्फ 26 महिलाएं ही जीत पाईं थी। यानी महिला विधायकों की भागीदारी लगभग 11 प्रतिशत रही। खास बात यह है कि जीतने वाली विधायक महिलाओं में कम ही ग्रेजुएट थीं। करीब 29 प्रतिशत ने 12वीं तक पढ़ाई की थीं, 18 प्रतिशत 10वीं पास थीं और कुछ तो सिर्फ 5वीं या 8वीं तक पढ़ी थीं।

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