भागलपुर जिले के नवगछिया में गंगा नदी में स्नान करने गए चार मासूम बच्चों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। सभी बच्चे छठ घाट बनाने के बाद नदी में नहाने उतरे थे, तभी यह भयावह हादसा हुआ।
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारियों में जुटा जुटे बिहार के भागलपुर जिले में बड़ा हादसा हो गया है। जिले के नवगछिया अनुमंडल स्थित इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के नवटोलिया गांव में सोमवार को गंगा नदी में डूबने से एक ही गांव के चार मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब बच्चे छठ घाट बनाने के बाद नदी में स्नान कर रहे थे और गहरे पानी में फंसे अपने एक साथी को बचाने की कोशिश में वो खुद काल के गाल में समा गए। घटना की सूचना मिलने पर इस्माइलपुर थानाध्यक्ष दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
जानकारी के अनुसार, नवटोलिया बजरंगबली मंदिर के पास स्थित गंगा घाट पर छट्टू टोला के रहने वाले कुछ बच्चे छठ पूजा के लिए घाट तैयार करने गए थे। घाट बनाने का काम पूरा करने के बाद, वे सभी नदी में स्नान करने लगे। नदी का जलस्तर और बहाव दोनों तेज था, जिसके कारण बच्चों को गहराई का सही अंदाजा नहीं लग पाया। स्थानीय मुखिया और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सभी बच्चे 15 वर्ष से कम आयु के थे और दो साइकिलों से घाट पर आए थे।
स्नान के दौरान एक बच्चा अचानक फिसलकर नदी के गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। यह देख बाकी तीन बच्चों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने दोस्त को बचाने के लिए तुरंत छलांग लगा दी। दुर्भाग्यवश, नदी की तेज धार ने चारों को अपनी चपेट में ले लिया और एक-दूसरे को बचाने के प्रयास में वे सभी गहरे पानी में डूब गए। यह खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैली, जिसके बाद घाट पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई।
ग्रामीणों के अथक प्रयास और गोताखोरों की मदद से चारों बच्चों को पानी से बाहर निकाला गया। आनन-फानन में उन्हें इस्माइलपुर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। एक ही गांव के चार बच्चों की एक साथ हुई मौत की खबर सुनकर पूरा इलाका सदमे में है। पर्व के पहले मातम छा गया है और नवटोलिया समेत छट्टू टोला में चीख-पुकार मच गई है।
मृतकों की पहचान नवटोलिया निवासी प्रिंस कुमार (10 वर्ष, पिता मिथिलेश कुमार) और नंदन कुमार (10 वर्ष, पिता किशोरी मंडल) के रूप में हुई है, जबकि दो अन्य बच्चे भी छट्टू टोला के ही बताए जा रहे हैं। बच्चों के शवों को देखते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।