Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से वोट चोरी का मुद्दा उठ गया है। इस बार इसके बीच में हैं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी। मांझी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे आधार बनाकर विपक्षी पार्टियां एनडीए पर वोट चोरी का आरोप लगा रही है।
Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी के एक वायरल वीडियो ने बिहार की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है। वीडियो सामने आने के बाद पहले राजद और अब कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो साझा करते हुए इसे “वोट चोरी का सबूत” करार दिया और चुनाव आयोग को कतघरे में खड़ा किया है।
वायरल वीडियो में कही गई बातों को आधार बनाते हुए कांग्रेस ने अपने पोस्ट में लिखा, " ये है वोट चोरी का सबूत। मोदी सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी का कहना है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनका एक कैंडिडेट बुरी तरह हार रहा था। फिर मोदी के मंत्री ने DM से सेटिंग की और हारते हुए कैंडिडेट को 2,700 वोट से जितवा दिया गया। इस बार उस कैंडिडेट ने मंत्री से संपर्क नहीं किया, इसलिए वो सेटिंग न कर पाए और वो कैंडिडेट चुनाव हार गया। जानकारी के लिए DM ही चुनाव आयोग के अधिकारी होते हैं। "
पोस्ट में कांग्रेस ने आगे लिखा कि इस बयान से साफ है। नरेंद्र मोदी, BJP और इनके सहयोगी दल 'वोट चोरी' करके चुनाव जीत रहे हैं। ये लोग चुनाव आयोग के साथ सेटिंग करके लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।
इस विवाद पर बीजेपी भी सामने आ गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मांझी के बयान को गलत तरीके से पेश किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मांझी ने कहीं भी नियम तोड़कर चुनाव जिताने की बात नहीं की है, बल्कि उन्होंने नियमानुसार ईवीएम की सही गिनती और परिणाम घोषित होने की बात कही थी।
दिलीप जायसवाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी खुद कई सीटों पर बेहद कम अंतर से हारी है। जैसे कि रामगढ़ सीट पर 30 वोट से, ढाका सीट पर 178 वोट से और फारबिसगंज सीट पर करीब 150 वोट से। उन्होंने कहा कि अगर एक भी वोट इधर-उधर किया जा सकता, तो बीजेपी भी उन सीटों पर जीत जाती।
बीजेपी नेता ने सीतामढ़ी के परिहार विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अंतिम राउंड में एनडीए उम्मीदवार 18 हजार वोट से आगे थीं, लेकिन एक ऑब्जर्वर के कारण रिजल्ट को घंटों रोका गया। बाद में चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद ही परिणाम घोषित हुआ। उनका कहना था कि कुछ मामलों में तकनीकी या प्रशासनिक देरी होती है, लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि चुनाव में धांधली हुई।
वायरल वीडियो में जीतन राम मांझी यह कहते नजर आ रहे हैं कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनका एक उम्मीदवार बुरी तरह हार रहा था, लेकिन डीएम से बात होने के बाद वही उम्मीदवार 2700 वोट से जीत गया। मांझी के अनुसार, इस बार उस उम्मीदवार ने संपर्क नहीं किया, इसलिए वह चुनाव हार गया।