Guru Khushwant Saheb: छत्तीसगढ़ के नए मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, सतनामी समाज के धर्मगुरु गुरु बलदास साहेब के बेटे और समाज के प्रभावशाली नेता हैं। इंजीनियरिंग से राजनीति में आए, 2023 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और पहली बार आरंग से विधायक बनकर कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. शिवकुमार डहरिया को हराया।
Guru Khushwant Saheb: छत्तीसगढ़ में आज साय मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है, जिसमें आरंग से बीजेपी विधायक गुरु खुशवंत साहेब को भी मंत्री बनाया है, उन्हें राज्यपाल रामेन डेका ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, गुरु खुशवंत साहेब ने दूसरे नंबर पर मंत्रिपद की शपथ ली है। बता दें कि गुरु खुशवंत साहेब छत्तीसगढ़ की राजनीति में तेजी से उभरते हुए चेहरों में से एक हैं।
वह सतनामी समाज के धर्मगुरु गुरु बलदास साहेब के बेटे और समाज के प्रभावशाली उत्तराधिकारी हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले वे एक इंजीनियर थे और सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े रहते थे। संस्कृत और रामायण परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए उन्हें ‘संस्कृत भूषण सम्मान’ भी मिल चुका है।
2023 में उन्होंने अचानक कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और पहली बार आरंग विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को बड़ी बढ़त से हराया। पहली बार विधायक बनने के बाद गुरु खुशवंत साहेब ने बेहद कम समय में अपनी राजनीतिक पहचान बनाई और 2025 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में मंत्री पद हासिल किया।
गुरु खुशवंत साहेब ने 2023 के चुनाव से पहले अचानक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा। सतनामी समाज के युवा और प्रभावशाली चेहरे के रूप में बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और उन्होंने पहली बार में ही कांग्रेस के कद्दावर नेता और तत्कालीन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को 16,538 वोटों से हराया। यह जीत बीजेपी के लिए बड़ी सफलता रही।
राजनीति में आने से पहले गुरु खुशवंत साहेब इंजीनियर थे। वे सतनामी समाज में अपने नवाचार और संस्कृत तथा रामायण परंपरा के प्रचार के लिए जाने जाते हैं। उन्हें ‘संस्कृत भूषण सम्मान’ भी मिल चुका है। विधायक बनने पर उन्होंने शपथ भी संस्कृत भाषा में ली थी।
छत्तीसगढ़ में एससी वर्ग की आबादी करीब 13-14 प्रतिशत है। 2018 में यह वोटबैंक कांग्रेस के साथ गया था, जिससे कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। लेकिन 2023 के चुनाव से पहले गुरु खुशवंत साहेब बीजेपी में शामिल हुए, जिससे भाजपा को सीधा फायदा मिला।
गुरु खुशवंत साहेब न सिर्फ आरंग में जीते बल्कि उन्होंने सतनामी समाज और गुरु घासीदास पंथ से जुड़े वोटरों को भी बीजेपी के करीब लाने का काम किया। यही कारण है कि राजनीतिक हलकों में उनके मंत्री बनने को बीजेपी का रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
खुशवंत साहेब ने आरंग मैटस यूनिवर्सिटी से 2017 में एम टेक किया है। सतनाम समाज के गुरु होने के कारण उनकी समाज में अच्छी पकड़ है। राजनीतिक करियर शुरू करने से पहले वो कृषि और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े रहे। निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार उनकी कुल संपत्ति लगभग 2 करोड़ 8 लाख रुपए आंका गया है।