
Minister Rajesh Agrawal taking oath (Photo- Video grab)
अंबिकापुर। 8 साल पहले जिस नेता ने कांग्रेस को छोडक़र भाजपा का दामन थामा, उसने इतने अल्प समय में मंत्री पद की भी शपथ ले ली। हम बात कर रहे हैं अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल (Minister Rajesh Agrawal) की। उन्हें छत्तीसगढ़ सीएम विष्णु देव साय की कैबिनेट में शामिल किया गया है। राजेश अग्रवाल सरगुजा जिले के लखनपुर निवासी हैं। कांग्रेस की टिकट पर वर्ष 2014 से 2019 तक लखनपुर अध्यक्ष पद पर रहे। इसी बीच उन्होंने वर्ष 2017 में भाजपा ज्वाइन किया था। वर्ष 2023 के विस चुनाव में उन्हें अंबिकापुर सीट से टिकट दी गई और वे अपने राजनीतिक गुरु, 3 बार के सीटिंग एमएलए तथा पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को 94 वोट से हराकर विधायक बने।
दरअसल वर्ष 2017 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद राजेश अग्रवाल (Minister Rajesh Agrawal) को 2018 के विस चुनाव में नजरअंदाज किया गया था, हालांकि उनका नाम भी टिकट की रेस में कहीं नहीं था। लेकिन वे लगातार अपने क्षेत्र में काम करते रहे, लोगों से मिलते रहे। लखनपुर व उदयपुर विकासखंड के जिन ग्रामीण क्षेत्रों में टीएस सिंहदेव की अच्छी-खासी पकड़ थी, वहां राजेश अग्रवाल ने अपनी पैठ बनाई।
अपनी मुस्कुराते चेहरे के साथ वे लोगों से मिलते और मदद करते रहे। भाजपा में उनका कद बढ़ता गया और वर्ष 2023 में वे अंबिकापुर विधानसभा सीट से सबसे मजबूत दावेदार बने। भाजपा संगठन ने उनपर जो विश्वास जताया, उस पर वे खरे उतरे और पूर्व डिप्टी सीएम को मात दी।
मंत्री राजेश अग्रवाल (Minister Rajesh Agrawal) का राजनीतिक सफर साफ-सुथरा व सरल है। राजेश अग्रवाल ने सरगुजा जिले के लखनपुर स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की और पारिवारिक व्यवसाय में जुट गए।
शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढक़र वे हिस्सा लेते रहे, इसी बीच उनका झुकाव राजनीति की ओर हुआ और उसमें वे सक्रिय हो गए। घर में उनकी मां, भाइयों के अलावा पत्नी सुनीता अग्रवाल व एक पुत्र तथा एक पुत्री हैं।
राजेश अग्रवाल (Minister Rajesh Agrawal) का राजनीतिक सफर दरअसल वर्ष 2002 में पूरी तरह शुरु हुआ जब वे 2002 से 2005 ग्राम पंचायत कुंवरपुर के उपसरपंच पद पर रहे। वर्ष 2009 के नगरीय निकाय चुनाव में उन्होंने लखनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन दुर्भाग्य से वे 1 वोट से हार गए।
फिर वर्ष 2014 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर नपं अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया, इसमें उन्होंने जीत हासिल की। वर्ष 2019 तक वे (Minister Rajesh Agrawal) अध्यक्ष पद पर काबिज रहे।
नगर पंचायत अध्यक्ष रहते हुए राजेश अग्रवाल (Minister Rajesh Agrawal) का कांग्रेस से मोह भंग होता गया। कांग्रेस की आंतरिक राजनीति व टीएस सिंहदेव से मतभेद की वजह से उन्होंने वर्ष 2017 कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थाम लिया। वर्ष 2018 में उन्हें टिकट तो नहीं मिली, लेकिन वर्ष 2023 के विस चुनाव में भाजपा ने उन्हें अंबिकापुर सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया। अंबिकापुर विस क्रमांक-10 सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है।
राजेश अग्रवाल (Minister Rajesh Agrawal) ने वर्ष 2023 के विस चुनाव में अपने राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को 94 वोट से हराया। यहां सिंहदेव का हराना भाजपा के लिए 3 बार से टेढ़ी खीर बनी हुई थी। इस चुनाव में राजेश अग्रवाल को 90 हजार 780 जबकि टीएस सिंहदेव को 90 हजार 686 वोट मिले थे। यह भाजपा के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी।
Published on:
20 Aug 2025 01:25 pm
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