MP News: मध्य प्रदेश में ऐतिहासिक निवेश की बड़ी तैयारी, PM Mitra पार्क योजना से दुनियाभर में चमकेगा एमपी, बनेगा सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला राज्य, ग्राम से ग्लोबल यात्रा पर जाने को बेताब एमपी बढ़ाएगा वैश्विक पटल पर बढ़ेगी भारत की भागीदारी...
MP News: संजना कुमार@patrika.com: मध्य प्रदेश में 12,508 करोड़ का ऐतिहासिक टेक्सटाइल निवेश प्रदेश की अर्थव्यवस्था और युवाओं के लिए नए अवसर लेकर आने वाला है। PM MITRA पार्क (धार) में ट्राइडेंट, अरविंद मिल्स और अन्य कंपनियों की बड़ी भागीदारी होगी। इस निवेश से 18,000 से ज्यादा प्रत्यक्ष और हजारों अप्रत्यक्ष रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। बुनकरों से लेकर फैशन ब्रांड तक सभी के लिए फायदे का सौदा। यह पहल न सिर्फ Make in India को मजबूती देगी बल्कि, ग्लोबल टेक्सटाइल मार्केट में भारत की स्थिति को और भी बेहतर करेगी। ग्रीन टेक्नोलॉजी और स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम के साथ ही यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश को 'ग्राम से ग्लोबल' यात्रा पर ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
मध्य प्रदेश इन दिनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है। वजह है टेक्सटाइल सेक्टर में 12,508 करोड़ के ऐतिहासिक निवेश की घोषणाएं। इस निवेश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की PM MITRA योजना और मुख्यमंत्री मोहन यादव की इंडस्ट्रियल पॉलिसी का संयुक्त परिणाम माना जा रहा है। बदनावर (धार) जिले में बनने वाला PM MITRA पार्क इस पूरे परिदृश्य का केंद्र है, जो आने वाले समय में मध्य प्रदेश को भारतभर में नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी टेक्सटाइल हब की नई पहचान दिला सकता है।
-1- ट्रायडेंट ग्रुप- 6,500 करोड़ रुपए का निवेश
-2- अरविंद मिल्स- 4,000 करोड़ रुपए का निवेश
-3- इंडो रमा- 1,200 करोड़ रुपए का निवेश
-4- अन्य 15 मझोली और बड़ी कंपनियां भी शामिल
इन निवेशों से राज्य में 18,000 से ज्याद रोजगार सृजित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इनमें से ज्यादातर रोजगार ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में मिलेंगे, जिससे स्थानीय युवाओं और महिलाओं को सीधा फायदा होगा।
PM MITRA (Mega Integrated Textile Region and Apparel) योजना के तहत धार जिले के बदनावर जिले में बनने वाला यह पार्क लगभग 1,563 एकड़ में है। आधुनिक सुविधाओं से लैस ये प्रोजेक्ट समय पर जमीन पर उतरा तो एमपी देश-दुनिया के लिए मिसाल बन जाएगा।
-1- अत्याधुनिक स्पिनिंग और वीविंग यूनिट्स
-2- डाईंग और प्रोसेसिंग हब
-3- गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर
-4- लॉजिस्टिक और एक्सपोर्ट जोन
-5- स्किल डवलपमेंट सेंटर
-5- एक रुपए प्रीमियम पर एक वर्गमीटर जमीन दे रही सरकार
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह पार्क केवल उत्पादन केंद्र नहीं होगा, बल्कि इनोवेशन और रिसर्च का हब भी बनेगा। यहां नई टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी पर भी काम किया जाएगा।
जहां इतनी बड़ी संभावना है, वहीं मध्य प्रदेश के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं…
-पानी और बिजली की खपत: क्योंकि टेक्सटाइल सेक्टर सबसे अधिक पानी और बिजली खर्च करने वाला उद्योग है।
-पर्यावरणीय प्रभाव- डाईंग और प्रोसेसिंग यूनिट्स से निकलने वाला रसायन अगर नियंत्रित न हुआ तो गंभीर प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती होगा
-कुशल श्रमिकों की कमी- हाई टेक मशीनरी चलाने के लिए स्किल्ड वर्क फोर्स की जरूरत होगी।
-सरकार ने इसके लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी, वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट और स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम की घोषणा की है।
यह निवेश केवल औद्योगिक पहल नहीं है बल्कि, राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव इसे 2047 तक 'विकसित भारत विजन' के तहत मध्य प्रदेश को भारत की ग्रोथ स्टोरी का हेडलाइनर बनाने की दिशा में पहला कदम मानते हैं।
अगल ग्लोबल लेवल की बात की जाए, तो टेक्सटाइल इंडस्ट्री करीब 1 ट्रिलियन डॉलर की है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा चीन और बांग्लादेश का है। अगर मध्य प्रदेश इस निवेश को सफलतापूर्वक लागू कर पाता है तो, भारत की हिस्सेदारी में 2% से 5% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
भारतीय कपड़ा उद्योग से जुड़े अर्थशास्त्री डॉ. राकेश शर्मा कहते हैं, 'PM MITRA' पार्क और इतना बड़ा निवेश भारत के लिए ऐतिहासिक मोड़ कहा जा सकता है। अगर सही ढंग से लागू हुआ तो, यह मध्य प्रदेश को 'ग्राम से ग्लोबल' यात्रा पर ले जाएगा।'
इस निवेश के साथ ही राज्य सरकार ने घोषणा की है कि इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (ITI) और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में टेक्सटाइल से जुड़े नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसका सीधा लाभ उन युवाओं को मिलेगा जो, अब तक सिर्फ IT या इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर निर्भर रहते थे।