-भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सहयोगियों से की बात, दिया आश्वासन -भाजपा और जदयू में बन चुकी बात, अब चिराग पासवान और जीतनराम मांझी
नई दिल्ली। बिहार में एनडीए के बीच सीटों का समझौता अंतिम दौर में है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को भी सहयोगियों से बात कर उन्हें मनाने की कोशिश की। सूत्रों का कहना है कि जदयू और भाजपा के बीच लगभग बराबर सीटों पर लड़ने की सहमति बन गई है, लेकिन चिराग पासवान अब भी मोल-भाव करने में जुटे हैं। चिराग पासवान का कहना है कि उनकी पार्टी के पास 6 सांसद हैं और हर संसदीय सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें हैं, इस नाते 30 से कम सीटें मंजूर नहीं है। दूसरी तरफ भाजपा 22 से ज्यादा सीट देने को राजी नहीं है। दबाव की राजनीति के तहत चिराग पासवान ने ऐन वक्त पर भाजपा से खुद न बात करते हुए पार्टी नेता और रिश्ते में जीजा अरुण भारती को सीटों के लिए बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
जदयू और भाजपा दोनों के 100-100 से ज्यादा सीट पर लड़ने पर पहले ही सहमति बन चुकी है। सूत्रों के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा की आरएलसीपी और जीतनराम मांझी की हम को तीन-तीन सीटें देने की तैयारी है। कुशवाहा राजी हो चुके हैं, लेकिन जीतनराम मांझी अब भी दबाव की राजनीति में जुटे हैं। हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भाजपा से 15 सीटों की मांग रखी है। मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी को इतनी सीटें मिलनी चाहिए, जिससे वो मान्यता प्राप्त दल बन सकें। 10 अक्टूबर को मांझी ने पटना में संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि अगर छोटे सहयोगियों से बात नहीं बन पाई तो फिर पार्टी और जदूय अपने कोटे से कुछ सीटें देकर मना सकते हैं। अगले दो दिन में सीटों का बंटवारा हो जाने की उम्मीद है।