Maharashtra Politics : एनसीपी नेता धनंजय मुंडे बीड की परली विधानसभा सीट से विधायक हैं और महायुति सरकार में लगातार दूसरी बार मंत्री बने हैं।
सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड (Santosh Deshmukh Murder Case) में विवादों में घिरे महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आरोप है कि संतोष देशमुख की हत्या के मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड के साथ एनसीपी (अजित पवार) नेता मुंडे के करीबी संबंध है। इसलिए विपक्ष निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। इस बीच मुंडे पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगा है। दिलचस्प बात यह है कि यह आरोप किसी विपक्षी दल के नेता ने नहीं बल्कि महायुति में एनसीपी के सहयोगी बीजेपी के विधायक ने ही लगाया है। बीजेपी नेता ने इसकी शिकायत सीधे एनसीपी मुखिया अजित पवार से की है।
बीड जिले के आष्टी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक सुरेश धस ने बुधवार को आरोप लगाया था कि मुंडे जब जिले के संरक्षक मंत्री थे तब उनकी निगरानी में 73.36 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। विधायक ने आरोप लगाया कि फर्जी बिलों के जरिए 73.36 करोड़ रुपये निकाले गए जबकि 37.70 करोड़ रुपये बिना कोई काम किए ही निकाले गए।
धस ने बताया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने धनंजय मुंडे के बीड के प्रभारी मंत्री रहते हुए फर्जी बिलों के जरिये पैसे निकालने के मामलें में लिखित शिकायत दर्ज कराने को कहा है। बीजेपी नेता ने जिला योजना एवं विकास परिषद की बैठक में यह मुद्दा उठाया। इस बैठक में बीड के मौजूदा संरक्षक मंत्री अजित पवार मौजूद थे।
धस ने कहा, “अजित पवार ने मुझे लिखित शिकायत दर्ज कराने को कहा है। मैंने बुधवार को ही उनके निजी सहायक को धन निकाले जाने के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध करा दिए। अब मैं पवार के निर्देशानुसार लिखित शिकायत दर्ज कराऊंगा।”
बीजेपी विधायक ने दावा किया कि जिला परिषद और लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी इंजीनियरों द्वारा 30 दिसंबर 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच फर्जी बिलों के जरिए पैसे निकाले गए। इसकी जानकारी मुंडे को भी थी। उन्होंने कहा कि वह बीड जिले के कैज गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं करने देंगे। वाल्मिक कराड अभी जेल में बंद है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है।