-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार, किसानों को मिलेगी राहत
नई दिल्ली। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक समावेशी और किसान हितैषी बनाते हुए जंगली जानवरों से फसलों के नुकसान तथा धान जलभराव को औपचारिक रूप से बीमा दायरे में शामिल कर दिया है। नई प्रक्रियाएं खरीफ 2026 से पूरे देश में लागू होंगी। यह कदम लंबे समय से राज्यों और किसानों की मांग रही है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई व्यवस्था के तहत जंगली जानवरों के फसल नुकसान को स्थानीयकृत जोखिम श्रेणी में पांचवें ऐड-ऑन कवर के रूप में मान्यता दी है। राज्य सरकारें प्रभावित जिलों/बीमा इकाइयों की पहचान करेंगी और जंगली जानवरों की अधिसूचित सूची जारी करेंगी। नुकसान की रिपोर्ट किसान को 72 घंटे के भीतर फसल बीमा ऐप पर जियो-टैग्ड फोटो के साथ दर्ज करनी होगी। इसके साथ ही धान जलभराव को भी स्थानीयकृत आपदा के रूप में फिर से शामिल कर दिया गया है, जिसे 2018 में हटाए जाने के बाद किसान लगातार बड़ी सुरक्षा-खामी का सामना कर रहे थे। तटीय एवं बाढ़ प्रभावित राज्यों में धान उगाने वाले किसानों को अब समयबद्ध और पारदर्शी दावा निपटान का लाभ मिल सकेगा।
देशभर में हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे जानवरों से फसल नुकसान की समस्या लगातार बढ़ रही है। खासकर वन क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में बसे किसानों के लिए। वहीं तटीय राज्यों में हर वर्ष भारी जलभराव धान उत्पादन को प्रभावित करता है।
ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के किसानों को सीधी राहत मिलेगी।