प्रयागराज

Mahakumbh 2025: धर्म ध्वजा के नीचे पुकार के साथ आरंभ हुई नागा दीक्षा, तपस्या के बाद होगा पिंडदान

Mahakumbh 2025: जूना अखाड़े में नागा साधु बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक साधुओं ने गुरु से आज्ञा लेकर 24 घंटे की तपस्या शुरू की।

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Mahakumbh 2025: महाकुंभ नगर में जूना अखाड़े की चारों मढ़ियों में नागा साधु बनाने की प्रक्रिया धर्मध्वजा के नीचे पुकार के साथ शुरू हुई। इच्छुक साधुओं ने पुकार सुनकर हाजिरी लगाई और गुरु के चरणों में दक्षिणा अर्पित की। शनिवार से इन साधुओं की 24 घंटे की तपस्या शुरू होगी, और 48 घंटे की लंबी प्रक्रिया के बाद उनका नागा संस्कार पूरा होगा। जूना अखाड़े की 16 मढ़ी, 13 मढ़ी, 14 मढ़ी और चार मढ़ी में इस प्रक्रिया के तहत साधुओं ने पर्ची कटाई, जिसमें 13 मढ़ी में सबसे अधिक 300 साधुओं ने पर्ची कटाई।

24 घंटे की तपस्या करेंगे साधु

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अखाड़े के श्रीमहंत मोहन गिरि के अनुसार, नागा बनने के इच्छुक साधुओं ने गुरु से आज्ञा ली और अब उन्हें 24 घंटे की तपस्या करनी होगी। तपस्या के बाद इन साधुओं को गंगा तट पर ले जाया जाएगा, जहां मुंडन, जनेऊ, पिंडदान और अन्य संस्कार किए जाएंगे। यह सभी प्रक्रियाएं 48 घंटे में पूरी होंगी।

19 जनवरी को महिलाओं को दी जाएगी दीक्षा

महिलाओं को भी नागा संन्यासी बनाने के लिए दीक्षा दी जाएगी, जो 19 जनवरी से शुरू होगी। उन्हें भी गुरु परंपरा के अनुसार ही दीक्षा प्राप्त होगी। इसके अलावा, 26 और 27 जनवरी को भी नागा दीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

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