Mahashivratri Snan 2025: महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के लिए महाकुंभ आने वाली भीड़ बढ़ती ही जा रही है। आलम ये रहा कि ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं थी।
Mahakumbh 2025: महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ में स्नान करने के लिए मंगलवार शाम चारबाग रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। प्लेटफार्म से लेकर सीढ़ियों तक हर जगह लोगों का सैलाब नजर आया, जहां पैर रखने तक की जगह नहीं थी। हालात ऐसे थे कि कन्फर्म टिकट होने के बावजूद अधिकांश यात्री ट्रेन में सवार नहीं हो सके, क्योंकि जैसे ही ट्रेन रुकती, लोग दौड़कर उसमें चढ़ने लगते। कुछ ही पलों में ट्रेन पूरी तरह भर जाती, जिससे महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग केवल उसे देखते रह जाते। जो यात्री किसी तरह ट्रेन में चढ़ने में सफल हुए, उन्हें बोगियों में बैठने की जगह नहीं मिली, जिससे कई महिलाओं और बुजुर्ग श्रद्धालुओं को गलियारे में जमीन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए चारबाग और आलमनगर से 14 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, लेकिन यात्रियों की संख्या के सामने वे भी नाकाफी साबित हुईं।
गंगा-गोमती, त्रिवेणी सहित अन्य ट्रेनों के प्लेटफॉर्म पर रुकते ही उनकी सभी बोगियां भर गईं। खासतौर पर शाम को रवाना होने वाली गंगा-गोमती और इंटरसिटी एक्सप्रेस खचाखच भरी नजर आईं। यही हाल त्रिवेणी समेत अन्य अनारक्षित ट्रेनों का भी रहा। कई यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए धक्का मुक्की का सामना करना पड़ा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आरपीएफ और जीआरपी जवान प्लेटफॉर्म पर तैनात थे, लेकिन भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं के सामने उनकी कोशिशें नाकाफी साबित हुईं।
ट्रेनों में टिकट कन्फर्म न होने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारबाग और आलमबाग बस अड्डे की ओर रवाना हुए, जहां से उन्होंने रोडवेज बसों के जरिए प्रयागराज जाने का विकल्प चुना। इस दौरान आलमबाग बस अड्डे पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हालात को देखते हुए रोडवेज प्रशासन ने अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की और मंगलवार देर रात तक लगभग 450 बसों के जरिए श्रद्धालुओं को प्रयागराज भेजा गया। रोडवेज लखनऊ परिक्षेत्र के प्रबंधक आर.के. त्रिपाठी ने इसकी पुष्टि की।
स्टेशन परिसर में ट्रेन पकड़ने की जल्दी में कई यात्रियों ने सीढ़ियां चढ़ने के बजाय रेलवे ट्रैक फांदकर सीधे प्लेटफॉर्म पर पहुंचने की कोशिश की। जीआरपी और आरपीएफ जवानों ने उन्हें रोकने और समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ ने उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया। स्थिति इतनी अनियंत्रित हो गई कि चारबाग से रवाना हुई ट्रेनों के दिव्यांग व महिला कोचों में भी आम यात्रियों की भीड़ इस कदर भर गई कि दिव्यांग और महिलाएं बाहर ही खड़ी रह गईं।
● 13151 कोलकाता-जम्मू तवी
● 14205 अयोध्या एक्सप्रेस
● 19038 अवध एक्स्प्रेस
● 14853 मरुधर एक्सप्रेस
● 14235 बनारस-बरेली एक्सप्रेस
● 14208 पद्मावत एक्सप्रेस