माघ मेला 2026 की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच मेले में दलदली जमीन आवंटित किए जाने के विरोध में खाकचौक के संत भड़क उठे। संत प्रयागराज मेला प्राधिकरण मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
Magh Mela 2026: आगामी माघ मेला 2026 की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे माघ मेला प्रशासन के लिए मंगलवार को बड़ा सिरदर्द खड़ा हो गया। इन दिनों संगम की रेती पर शिविरों के लिए भूमि आवंटित की जा रही है। वहीं खाकचौक के संतों ने आवंटन स्थल को दलदली बताते हुए कड़ा विरोध जताया और प्रयागराज मेला प्राधिकरण मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
दलदली जमीन पर शिविर लगाना असंभव
यह विरोध प्रदर्शन महामंडलेश्वर संतोष दास महाराज सतुआ बाबा के नेतृत्व में हुआ। खाकचौक के संतगण सेक्टर पांच से पैदल चलकर सीधे मेला प्रशासन कार्यालय पहुंचे और मुख्यालय के बाहर ही ज़मीन पर बैठकर धरना शुरू कर दिया।
संतोष दास महाराज ने बताया कि मेला संतों और कल्पवासियों का है, लेकिन प्रशासन संतों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। कहा संगम से काफी दूर बदरा सोनौटी के पास जमीन आवंटित की गई है। वहां की जमीन पूरी तरह से दलदली है। ऐसी ज़मीन पर संतों का शिविर लगाना, पंडाल खड़ा करना और आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाना असंभव है।
अधिकारियों ने पहुंचकर शुरू की वार्ता
खाकचौक के संतों द्वारा धरना दिए जाने की सूचना मिलते ही माघ मेला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। तत्काल वरिष्ठ अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे। एडीएम दयानंद प्रसाद और उप मेला अधिकारी विवेक शुक्ला ने संतों के बीच पहुंचकर उनसे बातचीत शुरू की।
अधिकारियों ने संतों को आश्वस्त करने का प्रयास किया कि उनकी समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा और उन्हें जल्द ही उपयुक्त एवं समतल भूमि आवंटित की जाएगी। हालांकि, संत अपनी मांग पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि जब तक उन्हें दलदली ज़मीन के बदले संगम के करीब और सूखी ज़मीन नहीं दी जाती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।