गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों यानी कछारी बस्तियों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है।
गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों यानी कछारी बस्तियों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और स्थानीय लोगों ने भी एहतियात के तौर पर तैयारी शुरू कर दी है।
सोमवार शाम कानपुर से गंगा में लगभग 63,968 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना में इससे भी ज्यादा पानी आ रहा है। इसकी वजह से संगम और उसके आसपास के इलाकों में आम दिनों की तुलना में 10 गुना ज्यादा पानी पहुंच रहा है।
फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.19 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि नैनी में यमुना का जलस्तर करीब 76 मीटर हो गया है। जानकारों के मुताबिक, अगर जलस्तर 81 मीटर के ऊपर चला जाता है, तो पानी बस्तियों में घुसने लगता है।
सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, छतनाग में जलस्तर 1.50 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, वहीं फाफामऊ में 0.125 और नैनी में 0.196 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से जलस्तर में इज़ाफा हो रहा है। अगर पहाड़ों पर बारिश यूं ही जारी रही, तो निचले इलाकों के लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है।
इस बारे में सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता रमेश कुमार सिंह ने कहा कि फिलहाल जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है और चिंता की कोई खास बात नहीं है। लेकिन हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और हर घंटे जलस्तर की रिपोर्ट ली जा रही है। प्रशासन और सिंचाई विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दी है।