प्रयागराज में रामनवमी के अवसर पर एक विवादित घटना सामने आई है, जिसमें हिंदू संगठनों के कुछ सदस्यों ने गाजी मियां की दरगाह पर पहुंचकर भगवा झंडा लहराया और नारेबाजी की। यह घटनाक्रम शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित सिकंदर इलाके की दरगाह पर हुआ।
जानकारी के अनुसार, दर्जनों युवकों का एक समूह मोटरसाइकिलों पर सवार होकर दरगाह पहुंचा। इनमें से कुछ युवक दीवारों के सहारे चढ़कर गाजी मियां की दरगाह की छत तक पहुंचे और गुंबद के पास भगवा झंडा लहराया। इस दौरान नीचे मौजूद अन्य लोगों ने जोरदार नारेबाजी की, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और कई लोग डर के कारण इधर-उधर भागने लगे।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे व्यक्ति की पहचान मनेंद्र प्रताप सिंह के रूप में हुई है, जो स्वयं को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सक्रिय कार्यकर्ता बताता है। सोशल मीडिया प्रोफाइल में उसने खुद को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र नेता और करणी सेना का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी बताया है।
मनेंद्र प्रताप सिंह ने बयान दिया कि गाजी मियां एक आक्रमणकारी था और प्रयागराज जैसे पवित्र तीर्थ स्थल पर उसकी दरगाह का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने मांग की कि इस स्थान को हिंदू श्रद्धालुओं के पूजा-पाठ के लिए सौंप दिया जाना चाहिए और दरगाह को हटाया जाए।
मामले को लेकर यूपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है।
पुलिस को जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली, वह तुरंत मौके पर पहुंची। लेकिन तब तक प्रदर्शन करने वाले युवक वहां से जा चुके थे। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज तथा प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ के माध्यम से आरोपियों की पहचान करने की कोशिश में जुटी है।
फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था को भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू की जांच कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।