उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक जिंदा बुजुर्ग को सरकारी कागजों में 'मृत' घोषित कर दिया गया और उसकी पेंशन भी बंद कर दी गई। यह मामला तब खुला जब बुजुर्ग खुद शिकायत लेकर डीएम की जनसुनवाई में पहुंचा और कहा, "साहब, मैं जिंदा हूं, लेकिन मुझे सिस्टम ने मार दिया है।"
प्रयागराज के बहादुरपुर ब्लॉक में डीएम मनीष वर्मा जनसुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान पालिकरनपुर गांव का बुजुर्ग सुकरू अपनी शिकायत लेकर उनके सामने आए। उन्होंने बताया कि उनकी वृद्धा पेंशन ही उनके जीवन का एकमात्र सहारा थी, लेकिन पंचायत चुनाव की रंजिश के चलते ग्राम पंचायत सचिव ने उन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया। इससे उनकी पेंशन बंद हो गई है।
सुकरू ने डीएम के सामने खड़े होकर कहा, "आप ही देख लीजिए, मैं आपके सामने जिंदा खड़ा हूं। अब आप ही न्याय करिए।" इस वाकये को देखकर डीएम भी हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत इस मामले की जांच के आदेश दिए।
जांच में शुरुआती तौर पर ग्राम पंचायत सचिव रंजना यादव की लापरवाही सामने आई, जिन्होंने बिना ठीक से सत्यापन किए ही बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया था। इस लापरवाही के लिए डीएम ने तत्काल प्रभाव से सचिव को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) पर भी पर्यवेक्षण में शिथिलता बरतने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीएम मनीष वर्मा ने यह भी कहा कि इस बात की भी जांच की जाए कि पंचायत चुनाव की रंजिश में ऐसे कितने अन्य लोगों की पेंशन बंद की गई है। उन्होंने बुजुर्ग सुकरू की पेंशन तुरंत बहाल करने के निर्देश भी दिए।