उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा साल 2019 से शुरू किया गया नि:शुल्क सिविल सेवा प्रशिक्षण और मार्गदर्शन कार्यक्रम अब तक कई युवाओं की जिंदगी बदल चुका है। इस योजना के तहत छात्रों को मुफ्त कोचिंग दी जाती है, जिससे वे सिविल सेवा जैसी बड़ी परीक्षा की तैयारी कर सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा को नया सम्मान और नया मकसद दे रही है। अब संस्कृत केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि इसे रोजगार और प्रशासन से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा साल 2019 से शुरू किया गया नि:शुल्क सिविल सेवा प्रशिक्षण और मार्गदर्शन कार्यक्रम अब तक कई युवाओं की जिंदगी बदल चुका है। इस योजना के तहत छात्रों को मुफ्त कोचिंग दी जाती है, जिससे वे सिविल सेवा जैसी बड़ी परीक्षा की तैयारी कर सकें।
खास बात यह है कि इस योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के छात्र ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के छात्र भी उठा रहे हैं। सिविल सेवा परीक्षा 2024 में महाराष्ट्र के नागपुर के तन्मय और मध्य प्रदेश के धार जिले के यतीश अग्रवाल ने सफलता हासिल की है। इन दोनों ने यूपी संस्कृत संस्थान से मुफ्त कोचिंग ली थी। इस योजना के तहत अब तक 4 छात्र IAS, 18 PCS और कुल 62 विद्यार्थी विभिन्न प्रशासनिक पदों पर चयनित हो चुके हैं। इन पदों में SDM, डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार, खंड शिक्षाधिकारी, बीएसए, समीक्षा अधिकारी, असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं।
संस्थान के कोऑर्डिनेटर डॉ. शीलवंत सिंह ने बताया कि यह एक 10 महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसमें छात्रों को हर महीने ₹3000 की छात्रवृत्ति, नि:शुल्क पाठ्य सामग्री, मॉक टेस्ट, और विशेषज्ञों द्वारा क्लासेस दी जाती हैं। कोचिंग की सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में उपलब्ध है, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इसका लाभ उठा सकें।
संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी दिनेश मिश्र ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा 2024 में चयनित तन्मय को 346वीं रैंक और यतीश को 761वीं रैंक मिली है। इसके अलावा, संस्थान की एक और छात्रा शैली शुक्ला का चयन लेखपाल पद के लिए हुआ है, और कई अन्य छात्रों का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रवक्ता पदों पर भी हुआ है।