सोमवार को पांचवे चरण की वोटिंग में वोटिंग के दिन रायबरेली से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी यहां पहुंचे। वह लखनऊ से सड़क मार्ग से होते हुए रायबरेली में दाखिल हुए। रायबरेली लखनऊ सीमा पर स्थिति चुरुवा बजरंगबली मंदिर में उन्होंने भगवान के दर्शन किए। पुजारी ने तिलक लगाकर उनको आर्शीवाद दिया।
लोकसभा चुनाव के लिए 5वें चरण की वोटिंग 20 मई, सोमवार को जारी है। पांचवें चरण में 49 सीटों पर 695 उम्मीदवार मैदान में है। उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर भी आज वोटिंग हो रही है। इस चरण में यूपी की दो हाई प्रोफाइल सीट रायबरेली और अमेठी में भी मतदान हो रहा है।
रायबरेली से इस बार कांग्रेस ने राहुल गांधी को मैदान में उतारा है। वोटिंग के बीच राहुल रायबरेली पहुंचे तो उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पांचवें चरण के मतदान के बीच एक बूथ का निरीक्षण करने रायबरेली पहुंचे थे। राहुल रायबरेली बछरावां के गांंधी इंटर कालेज बूथ पर पहुंचे तो उनके खिलाफ नारेबाजी होने लगी। बूथ पर 'राहुल गांंधी वापस जाओ' के जमकर नारे लगे। चुरुआ मन्दिर के बाद बूथ का निरीक्षण करने राहुल गांंधी पहुंचे थे। इस दौरान उनके खिलाफ नारेबाजी होने लगी।
पांचवें चरण के वोटिंग के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को रायबरेली पहुंचे। पार्टी ने इस बार रायबरेली से उन्हें उम्मीदवार बनाया है। इस बीच राहुल गांधी ने रायबरेली के पिपलेश्वर हनुमान मंदिर में पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की। इसके बाद वो बाहर निकलकर लोगों संग फोटो भी क्लिक कराई। इसके बाद वो बूथ का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
रायबरेली बछरावां के गांंधी इंटर कालेज बूथ पर राहुल पहुंचे तो उनके खिलाफ नारेबाजी होने लगी। राहुल गांधी वापस जाओ,राहुल गांधी वापस जाओ.. के नारे लगे। आरोप है कि नारेबाजी बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई। राहुल के सामने कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम के भी नारे लगाए। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब रायबरेली में राहुल के खिलाफ नारेबाजी हुई हो। इससे पहले जब राहुल नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे तब भी राहुल गांधी वापस जाओ के नारे लगे थे।
बता दें कि राहुल इस बार अमेठी की छोड़कर रायबरेली से मैदान में उतरे हैं। रायबरेली सीट से उनकी मां सोनिया गांधी, दादी इंदिरा गांधी और उनके दादा फिरोद गांधी ने जीत हासिल की थी। यह पहला मौका जब यहां से राहुल मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा ने राज्य सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को फिर मौका दिया है जो यहां 2019 में सोनिया गांधी से पराजित हो गये थे।