Elephants hovoc in CG: हाथियों द्वारा आए दिन किसानों की फसलों को रौंदकर नुकसान पहुंचाया जा रहा...
Elephant Terror: रायगढ़ जिले के जंगल में हाथियों की संख्या बढ़ते ही हाथियों का उत्पात एक बार फिर बढ़ गया। विभिन्न वन क्षेत्रों में अलग-अलग दल में विचरण कर रहे 120 हाथियों ने एक ही रात में 44 किसानों की फसल को रौंदते हुए बर्बाद कर दिया। वहीं 2 ग्रामीणों की मकानों को भी तोड़ा। इसको लेकर प्रभावित क्षेत्र के लोगों में दशहत बना हुआ है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ और धरमजयगढ़ दोनों वन मंडल में मिला कर मौजूदा समय में 120 के करीब हाथी हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात धरमजयगढ़ वन मंडल की तरफ से दो हाथी रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र क्षेत्र पहुंचे। वहीं यहां के कमतरा गांव में दो ग्रामीणों के मकान को तोड़ते हुए नुकसान पहुंचाया। गनीमत रही कि उक्त मकान के पास कोई भी ग्रामीण नहीं था। वहीं हाथियों आने पर ग्रामीणों ने हो-हल्ला करते हुए उन्हें जंगल की ओर खदेड़ा और इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी।
मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम शनिवार की सुबह मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के हुए नुकसान का आंकलन किया। धरमजयगढ़ वन मंडल हाथियों का स्थायी रहवासी क्षेत्र बन चुका है। इस वन मंडल में हाथियों ने एक ही रात में 44 किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। बताय जा रहा है कि विजयनगर, मोहलीपारा, सुखापारा में 21 किसानों की सफल और सिंघीझाप, गडाईनबहरी में 11 किसानों की सफल सहित खलबोरा, दर्रीडीह में 5 और फत्तेपुर, उदउदा में 4 किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया। साथ ही बोजिया में 3 किसानों फसल को हाथियों ने रौंदते हुए नुकसान किया है।
बड़ी संख्या में हाथियों की मौजुदगी को लेकर वन अमला अलर्ट मोड़ पर है। बताया जा रहा है कि जहां भी हाथियों की मौजुदगी होती है उस क्षेत्र के गांव में टीम पहुंचती है। वहां के ग्रामीणों को हाथियों को लेकर जहां जागरूक किया जाता है। वहीं उन्हें भी अलर्ट रहने की नसीहत दी जाती है। विशेष रूप से हाथियों से छेड़खानी नहीं करने की सलाह दी जाती है, ताकि किसी प्रकार से अनहोनी से बचा जा सके।
दोनों वन मंडल में विचरण रहे हाथियों में 32 नर, 58 मादा व 30 हाथी शावक शामिल है। बताया जा रहा है कि हाथी शावक को लेकर संवदेनशील रहते हैं। इस समय ज्यादा नुकसान की आशंका रहती है। इस बात को लेकर ग्रामीण भी सजग हैं। बताया जा रहा है कि कई गांव के लोग फसल की रखवाली को लेकर रतजगा भी कर रहे हैं।