पहलगाम में सुनियोजित नरसंहार (planned massacre in Pahalgam) के बाद सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया (the army launched Operation Sindoor), जो सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि मां, बहन और बेटी के सिंदूर की रक्षा की शपथ थी। सिंदूर की तरह लाल इस अभियान ने एक बार फिर सिद्ध किया कि भारत अब चुप नहीं रहता, जरूरत पड़े तो वह गर्जना भी करता है।
राजधानी रायपुर की महिलाओं ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि आतंक के खिलाफ उठाया गया कदम देश के हर नागरिक का संबल है। भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर केवल युद्धनीति नहीं, संस्कृति और स्त्री-सम्मान की रक्षा की शपथ थी।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की खबर जब पहुंची, तो सबसे ज्यादा भावुक वे महिलाएं हुईं जिनके लिए सिंदूर न सिर्फ सौभाग्य का प्रतीक है, बल्कि विश्वास और सुरक्षा की भावना भी। देश की बेटियों ने इस अभियान पर सेना को नमन किया और कहा अगर हमारी सरहदें सुरक्षित हैं, तो हम बेफिक्रहैं। सेना का यह अभियान सिर्फ सीमा पार एक जवाब नहीं था, बल्कि देश की महिलाओं के आत्मसम्मान और सुरक्षा की पुनर्पुष्टि थी।
गृहिणी सुमन दीवान ने भावुक होते हुए कहा, सिंदूर की कीमत एक महिला ही समझ सकती है। और जब यही नाम लेकर सेना ने अभियान चलाया, तो दिल भर आया।
डेंटिस्ट नेहा शुक्ला ने कहा, मैं एक डॉक्टर हूं, लेकिन जब सेना का नाम आता है, तो मेरा सिर गर्व से उठ जाता है। ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदम देश के आत्मबल को दर्शाते हैं। एडवोकेट शहनाज खान ने कहा, हम चैन की नींद सो रहे हैं क्योंकि कोई जाग रहा है। सेना ने इस नाम से बता दिया कि हमारी अस्मिता उनके लिए सर्वोपरि है। वर्किंग वुमन नीरुपमा भगत ने कहा, हमारी बेटियों को अब कोई कमजोर न समझे। सेना ने संदेश दे दिया कि भारत की हर मां-बहन-बेटी सुरक्षित है। वर्किंग वुमेन भारवि वैष्णव ने कहा, सेना ने यह संदेश दिया कि हम चुप नहीं बैठेंगे। ऑपरेशन सिंदूर से न्याय की भावना जगी। अब आतंकियों को मालूम चल गया होगा कि भारत पलटवार करना जानता है। वर्किंग वुमेन रीमा शुक्ला कहती हैं, हमारी रक्षा में जो खड़े हैं, उन्हें शत-शत नमन। यह सिर्फ सैन्य ऑपरेशन नहीं, आत्म-सम्मान की लड़ाई थी। सिंदूर उजाडऩे वालों को सेना ने करारा जवाब दिया।
सब इंस्पेक्टर माधुरी युगल वर्मा ने कहा, अब हमें और अधिक भरोसा है कि देश सुरक्षित हाथों में है। 26 परिवारों के घावों पर यह ऑपरेशन मरहम बना। हर महिला की आंखों में अब आत्मविश्वास है और दिल में देश के वीरों के लिए आभार।
हाउस वाइफ प्रियंबदा सोना ने अब दुनिया जान चुकी है कि भारत को ललकारने का अंजाम क्या होता है। सेना का ये कदम हर भारतीय के दिल की आवाज थी। ये ऑपरेशन सिर्फ मैदान में नहीं, दिलों में लड़ा गया।
गृहिणी एकता रंगशाही ने कहा, जो हमला परिवारों पर हुआ, उसका जवाब देश ने पूरी ताकत से दिया। हर महिला के सिंदूर के पीछे एक सैनिक खड़ा है। यह ऑपरेशन हर मां के लिए गर्व का प्रतीक बन गया है।