रायपुर

Ayushman Yojana: आयुष्मान मरीजों के लिए राहत! ACI में फिर शुरू हुई एंजियोप्लास्टी सेवाएं

Ayushman Yojana: रायपुर के ACI हॉस्पिटल में वेंडर्स के मान-मनौवल के बाद फिर से आयुष्मान योजना के तहत एंजियोप्लास्टी शुरू हो गई है।

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Dec 12, 2025
ACI में सामान्य हुई हार्ट ट्रीटमेंट प्रक्रिया (photo source- Patrika)

Ayushman Yojana: रायपुर. पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित एसीआई में गुरुवार को आयुष्मान भारत योजना से भी हार्ट के मरीजों की एंजियोप्लास्टी शुरू हो गई है। बकाया भुगतान नहीं होने से वेंडर्स ने जरूरी सामान कैथेटर, स्टेंट व बलून देने से मना कर दिया था। जल्दी भुगतान का आश्वासन व मान-मनौव्वल के बाद वे सामान देने के लिए राजी हुए हैं। भुगतान नहीं होने पर वे कभी भी इंप्लांट सप्लाई करने से मना कर सकते हैं। इसकी आशंका अभी भी बनी हुई है। इसका नुकसान गरीब मरीजों को होता है।

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Ayushman Yojana: कार्डियोलॉजी विभाग हाई अलर्ट पर

गौर करने वाली बात ये है कि आयुष्मान भारत योजना से कैशलेस इलाज बंद होने के बाद भी नकद देकर इलाज कराने वालों की एंजियोप्लास्टी की जाती है। दरअसल यहां सिंगल स्टेंट की एंजियोप्लास्टी 78500 रुपए में हो जाती है। जबकि निजी अस्पतालों में डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो जाता है। इसलिए कई मरीज कम खर्च में यहां एंजियोप्लास्टी कराना पसंद करते हैं।

कार्डियोलॉजी विभाग का कहना है कि दिसंबर में अब तक 83 हार्ट के प्रोसीजर किए गए हैं। इनमें तीन मरीजों की इमरजेंसी में एंजियोप्लास्टी की गई है। प्रबंधन का कहना है कि शीतलहर में हार्ट अटैक के केस ज्यादा आने के कारण कार्डियोलॉजी विभाग हाई अलर्ट पर है। ठंड के मौसम में बुजुर्गों, हृदय रोगियों सहित अन्य किसी को भी हार्ट अटैक का जोखिम अधिक रहता है, ऐसे में किसी भी प्रकार के असामान्य लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

सीटी-एमआरआई की वेटिंग खत्म होने का भी दावा

आंबेडकर अस्पताल के रेडियो डायग्नोसिस विभाग में एक दिन में 248 से अधिक मरीजों की सोनोग्राफी जांच की गई है। दावा है कि इससे मरीजों की वेटिंग पूरी तरह खत्म हो गई है। यही दावा एमआरआई-सीटी स्कैन के लिए किया गया है। तीनों ही जांच में वेटिंग खत्म होने का मतलब ये है कि मरीजों की जांच उसी दिन की जा रही है। हालांकि ये कैसे संभव हुआ है, ये विभाग ही बता सकता है।

केवल गर्भवती महिलाओं को ही स्त्री रोग विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार एंटीनेटल स्कैन और एनॉमली स्कैन के लिए उनके गर्भावस्था के सप्ताह के आधार पर डेट दिया जा रहा है। विभाग में 5 में चार मशीनों से मरीजों की सोनोग्राफी जांच की जा रही है। इस तरह एक मशीन से जांच का औसत 62 मरीज है।

अगर एक मरीज की जांच में 10 मिनट भी लगता है तो कम से कम 248 मरीजों की जांच में 2480 मिनट यानी 41 घंटे से ज्यादा लगेंगे। यानी एक मरीज की जांच में इतना समय नहीं लग रहा है। 5 मिनट प्रति मिनट जांच के हिसाब से 248 मरीजों की जांच में साढ़े 20 घंटे लगेंगे। ये जांच केवल ओपीडी में आने वाले मरीजों की है। रेडियो डायग्नोसिस विभाग में विभागाध्यक्ष बदलने के बाद ये चमत्कार के रूप में देखा जा रहा है कि आखिर ऐसे कैसे संभव हो गया।

पहले 130 मरीजों की सोनोग्राफी की जाती थी

Ayushman Yojana: अस्पताल के प्रेस नोट के अनुसार पहले ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 130 सोनोग्राफी की जाती थी। अब इसकी संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। मंगलवार को ओपीडी के 248 से भी अधिक मरीजों की सोनोग्राफी जांच उसी दिन की गई, जो कि एक रिकार्ड भी है। मरीजों को उसी दिन सोनोग्राफी जांच की सुविधा का लाभ मिल सके, इसके लिए एचओडी डॉ. विवेक पात्रे स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एमआरआई-सीटी स्कैन जांच के लिए किसी मरीज को डीकेएस रेफर नहीं किया जा रहा है।

24 घंटे कैशलेस इलाज की सुविधा देने का प्रयास

अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि मरीजों को 24 घंटे कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है। एचओडी कार्डियोलॉजी डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि दिसंबर में 52 मरीजों की एंजियोग्राफी, 24 की एंजियोप्लास्टी, 4 का पेसमेकर रिप्लेसमेंट व एक मरीज का टॉवी प्रोसीजर किया गया है।

Updated on:
12 Dec 2025 08:59 am
Published on:
12 Dec 2025 08:58 am
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