CG News: छत्तीसगढ़ के 8 जिलों में जल्द ऑटोमेटिक वाहन फिटनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। मशीन आधारित जांच प्रणाली शुरू करने विभागीय तैयारी तेज, मंत्री केदार कश्यप ने की समीक्षा।
CG News: वाहनों के फिटनेस की जांच करने के लिए जल्द ही जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, धमतरी, महासमुंद, कांकेर, जिला दंतेवाड़ा, सारंगढ़ और सूरजपुर में ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर बनेंगे। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी चल रही है। इसके शुरू होने पर वाहनों की जांच मशीनों के जरिए होगी। परिवहन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय कामकाज की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ई-ट्रैक) मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना और वाहन सुरक्षा से संबंधित कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वाहनों की फिटनेस जांच को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरबा, राजनांदगांव, रायगढ में संचालित किया जा रहा है। मशीनों के माध्यम से वाहन के फिटनेस जांच से तकनीकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
देशभर में गुजरात के बाद ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटरों के संचालन छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है। बैठक में परिवहन विभाग सचिव एस प्रकाश, अपर परिवहन आयुक्त डी रविशंकर के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना को हर दूरस्थ गांव से जोडा जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को खाका तैयार करने के निर्देश परिवहन मंत्री ने दिए। उन्होने बताया कि इसका उद्देश्य ग्रामीण किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों, छात्रों और आम नागरिकों को जनपद, तहसील और जिला मुख्यालय तक सस्ती, नियमित और सुरक्षित बस सुविधा उपलब्ध करवाना है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से बाजार, रोजगार, पढ़ाई और चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई जा सकें।
CG News: सड़क हादसे रोकने के लिए सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ई-ट्रैक) बनेगें। इसमें वाहन परिचालन की जांच करने के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा। (ई-ट्रैक) के निर्माण की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को सौंपी गई है। बैठक के दौरान परिवहन मंत्री ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्भया फ्रेमवर्क के तहत सार्वजनिक वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटी) और इमरजेंसी बटन लगाने की प्रक्रिया की समीक्षा की गई।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अब तक 1900 यात्री वाहनों और 5800 स्कूल बसों में ट्रैकिंग डिवाइस लगाया जा चुका है। किसी भी आपात स्थिति में पैनिक बटन दबाते ही परिवहन विभाग के कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से पुलिस महकमे के डायल 112 तक पहुंच जाएगी।