Bharatmala Project Scam: भारतमाला परियोजना के लिए भू-अर्जन के नाम पर घोटाले की रकम 48 करोड़ रुपए हैं लेकिन, जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर घोटाले की रकम में इजाफा हो सकता है।
Bharatmala Project Scam: ईओडब्ल्यू जल्दी ही भारतमाला घोटाले में जमीन दलाल, राजस्व विभाग के कर्मचारी- छोटे अधिकारियों और बिचौलिए की भूमिका अदा करने वाले 14 लोगों से पूछताछ करेगी। 48 करोड़ रुपए के इस घोटाले में जेल भेजे गए जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा, केदार तिवारी उनकी पत्नी उमा तिवारी और विजय जैन से मिले इनपुट के आधार पर उक्त लोगों को संदेह के दायरे में लिया गया है।
सभी रायपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद और जगदलपुर के बताए जाते हैं। प्रोजेक्ट में भू-अर्जन करने से लेकर मुआवजा राशि वितरित करने में भूमिका रही है। इसे देखते हुए सभी से पूछताछ कर बयान लिया जाएगा। इस दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया जाएगा।
बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट में हुए घोटाले की शिकायत पर ईओडब्ल्यू द्वारा 25 अप्रैल को 20 ठिकानों में छापेमारी की गई थी। इसके बाद 26 अप्रैल को हरमीत सिंह खनूजा, केदार तिवारी उसकी पत्नी उमा तिवारी और विजय जैन को गिरफ्तार किया गया था। वहीं सभी से पूछताछ कर जेल भेज दिया गया है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि भारतमाला परियोजना के लिए भू-अर्जन के नाम पर घोटाले की रकम 48 करोड़ रुपए हैं लेकिन, जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर घोटाले की रकम में इजाफा हो सकता है। आरोपियों की संख्या भी बढ़ेगी। इसे देखते हुए जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
Bharatmala Project Scam: भारतमाला परियोजना के लिए भू-अर्जन के लिए चिन्हांकित जमीनों की जानकारी लीक होते ही बिल्डर से लेकर जमीन दलाल सक्रिय हो गए थे। इसमें कमीशनखोरी करने के लिए किसानों से सस्ती कीमत पर जमीन खरीदने के साथ ही सौदेबाजी कर जल्दी ही रजिस्ट्री कराने का आश्वासन दिया गया था।
वहीं कुछ किसानों से कम कीमतों पर जमीन लेकर परियोजना का काम शुरू होते ही जमीन हस्तांतरित कर राजस्व विभाग, पटवारी और आरआई से सांठगांठ कर खुद ही मुआवजा भी लिया।