
CG News: ईओडब्ल्यू ने भारतमाला परियोजना में हुए भ्रष्टाचार और फर्जीवाडे़ को खंगालना शुरू कर दिया है। इसके लिए गोपनीय रूप से जानकारियां जुटाई जा रही है। इससे संबंधित फाइलों के साथ ही जुड़े सभी लोगों की भूमिका के इनपुट जुटाए जा रहे है। इस खेल में शामिल खिलाडि़यों का ब्योरा जुटाने के बाद छापेमारी और पूछताछ का सिलसिला शुरू होगा।
साथ ही उक्त सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी और उसके बाद की कानूनी औपचारिकता के लिए राज्य और केंद्र सरकार से अभियोजन स्वीकृति की औपचारिकता ली जाएगी। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने का फैसला लिया गया है।
उन्होंने इस घोटाले की जांच राज्य की एजेंसी से कराने की घोषणा करते हुए कहा था कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने भ्रष्टाचार होने की बात स्वीकार की।
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसके लिए किए गए जमीन अधिग्रहण में 43 करोड़ की गड़बडी़ उजागर हुई थी। इस मामले की शिकायत के बाद जगदलपुर निगम कमिश्नर और डिप्टी कलेक्टर को सस्पेंड किया गया है।
बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन को टुकड़ों में बांटकर एनएचआई को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। इसमें एसडीएम, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट द्वारा जमीन अधिग्रहण में 43 करोड़ के घोटाले की जानकारी सामने आई थी। उक्त सभी खेल में बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाला करने के इनपुट मिले है।
CG News: बताया जाता है कि इस खेल के पीछे रसूखदार और प्रभावशाली लोगों के जुडे़ होने के इनपुट मिले हैं। इसे देखते हुए जांच एजेंसी बड़ी ही सावधानी से पूरे मामलों की जानकारी जुटा रही है। ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिलते ही अधिकारिक रूप से कार्रवाई शुरू होगी।
Updated on:
06 Apr 2025 08:31 am
Published on:
06 Apr 2025 08:29 am
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