CG Collector Conference 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस हुई। इस मैराथन बैठक में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए।
CG Collector Conference 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस हुई। इस मैराथन बैठक में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव विकास शील और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने विभाग के सचिवों और कलेक्टरों के कामों को परखा। बैठक करीब 9 घंटे तक चली।
बैठक में सीएम ने विभागीय सचिवों और कलेक्टरों को कई हिदायतों के साथ-साथ अहम सुझाव भी दिए। विभाग के सचिवों ने क्रमवार अपना प्राजेंटेशन दिया। इसके आधार पर अच्छा और कमजोर प्रदर्शन करने वाले कलेक्टरों से वन-टू-वन चर्चा हुई। स्वच्छ भारत अभियान को लेकर मुख्यमंत्री काफी गंभीर नजर आए। उन्होंने इस अभियान के तहत होने वाले कामों के लंबित भुगतान को लेकर नाराजगी जताई।
साथ ही कलेक्टरों को हिदायत दी कि वे सुबह 7 बजे के पहले नगरीय निकायों के वार्डों में जाकर निरीक्षण करने के साथ ही पूरी व्यवस्था देंखे। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से धान खरीदी की तैयारियों को लेकर चर्चा की और दो टूक कहा, यदि इस बार धान खरीदी में अनियमितता हुई तो सीधे कलेक्टर की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इस बैठक के जरिए सीएम ने साफ संकेत दे दिए है कि जनहित के कामों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत किए गए कार्यों का भुगतान नहीं होने पर नाराजगी जताई है। दरअसल, इससे स्वच्छ भारत अभियान का काम प्रभावित हुआ है। इससे देखते हुए सीएम ने भुगतान को लंबित रखने पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही इस बात की हिदायत दी कि आगे समय-सीमा में भुगतान किया जाए।
बैठक में मुख्य सचिव भी सभी कलेक्टरों से फीडबैक लेते रहे। इस दौरान उन्होंने कहा, नवाचार जरूरी है, लेकिन इसके चक्कर में जो योजनाएं चल रही है, उसके मूल स्वरूप में बदलाव न हो। शासन की सभी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाएं।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे।
बैठक में अधिकारियों और कर्मचारियों के ऑफिस आने के समय पर भी चर्चा हुई। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, मंत्रालय में 1 दिसंबर से बायोमैट्रिक उपस्थिति लागू होगी। जिलों में भी इसी तरह अनुशासन का पालन हों। बता दें कि राज्य सरकार ने पांच दिन काम की व्यवस्था लागू की है। इसके बावजूद अधिकांश दफ्तरों में कर्मचारी समय पर नहीं आते हैं। इसका सीधा नुकसान आम जनता को उठाना पड़ता है। जिलों में भी बायोमैट्रिक उपस्थिति से सरकारी कामकाज में गति आएगी।
अवैध रेत खनन पर कड़ी कार्रवाई करें।
जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद रखें क्योंकि वे लोगों के संपर्क में रहते हैं।
निर्माण कार्यो के लम्बित भुगतान दिवाली से पहले करें।
टीकाकरण की वास्तविक स्थिति की फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा पुष्टि की जाए।
जिलों में परीक्षा परिणाम सुधार की ठोस योजना बने।
कलेक्टर्स और संभाग में कमिश्नर नियमित निरीक्षण दौरे करें।
बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन के लिए हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर विशेष अभियान चलाएं।
प्रत्येक मामलों में मैटरनल डेथ ऑडिट अनिवार्य रूप से किया जाए।
ड्रॉपआउट शून्य करने और सकल नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य हासिल करें।
एसपी-डीएफओ की कॉन्फ्रेंस होगी आज।