Chhattisgarh Politics: लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन में बड़ा बदलाव होने वाला है। बताया जा रहा है कि OBC चेहरे को संगठन में शामिल किया जाएगा। ऐसे में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात है।
Chhattisgarh Congress: कांग्रेस जाति जनगणना को लेकर देशभर में अभियान चलाने जा रही है। इस कड़ी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिाकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 20 अगस्त से सभी राज्यों का दौरा करेंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ में भी आएंगे। इसके मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को कहा गया है कि वो 20 से 31 अगस्त के बीच का एक कार्यक्रम तैयार कर भेजें। इसके आधार पर छत्तीसगढ़ में राहुल और खरगे का दौरा तय हो गया।
वहीं, दूसरी ओर से दिल्ली से लौटने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि बैठक में बदलाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। बता दें कि राजनीतिक गलियारों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है।
हालांकि, इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व को ही करना है। दिल्ली में सभी प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों को यात्रा की तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष बैज दिल्ली से लौटने के बाद बैठक लेंगे और जिलों का दौरा करेंगे। जाति जनगणना कराने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को जागरूक करने के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वो लोगों के बीच इसको लेकर गलतफहमियों को दूर कर सकें।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी से अलग-अलग चर्चा की है। इसके बाद संगठन में बदलाव की चर्चा जोर पकड़ी है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि बघेल को ओबीसी चेहरे के रूप में आगे करते हुए महासचिव बनाया जा सकता है। वहीं डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। इस मामले में डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा, दिल्ली में सिर्फ हार के कारणों पर चर्चा हुई है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू ने कहा, बैठक में संगठन में बदलाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
डिप्टी सीएम सिंहदेव ने बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात पर कहा, अभी ऐसा तो नहीं है। ये अटकलें ओडि़शा में हुए परिवर्तन के बाद लगने लगी है। बहुत समय बाद कांग्रेस में यह देखने को मिला है कि ओडिशा की पूरी बॉडी को भंग कर दिया गया है। अब कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर हाईकमान फैसला लेगी।