CG Crime News: रायपुर चिंता का विषय है कि राजधानी में कलम छोडक़र नाबालिग चाकू थाम रहे हैं। हत्या और चाकूबाजी ही नहीं अन्य गंभीर मामलों में भी शामिल हो रहे हैं।
CG Crime News: छत्तीसगढ़ के रायपुर चिंता का विषय है कि राजधानी में कलम छोडक़र नाबालिग चाकू थाम रहे हैं। हत्या और चाकूबाजी ही नहीं अन्य गंभीर मामलों में भी शामिल हो रहे हैं। जिस उम्र में पढ़ाई करते हैं, उस समय चोरी-लूट और चाकूबाजी जैसे मामलों को अंजाम दे रहे हैं। क्राइम करने में साल दर साल नाबालिगों की संख्या बढ़ती जा रही है। मर्डर, चाकूबाजी, लूटपाट के अलावा दुष्कर्म और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मामलों में भी लिप्त हो रहे हैं।
वर्तमान में शहर के बाल संप्रेक्षण गृह में कुल 116 अपचारी बालक हैं। इनमें से 51 अपचारी बालक प्लेस ऑफ सेफ्टी में हैं। ये गंभीर क्राइम के मामलों में शामिल रहे हैं। रायपुर और प्रदेश में भी नाबालिग द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी बड़ी वजह नाबालिगों में नशे की लत है। इसके अलावा हिस्ट्रीशीटर भी उन्हें क्राइम के लिए उकसा रहे हैं।
गंज थाना क्षेत्र में 27-28 सितंबर 2025 को मोहम्मद सद्दाम अपनी 16 साल की नाबालिग प्रेमिका के साथ लॉज में ठहरा। रात में दोनों के बीच विवाद हुआ, तो नाबालिग ने चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद लॉज से फरार होकर अपने घर बिलासपुर चली गई। बाद में उसने सरेंडर कर दिया।
धरसींवा थाना क्षेत्र में 20 मार्च 2025 को ग्राम मोहंदी इलाके में एक महिला की लाश मिली। उसके शरीर में चाकू मारने के कई निशान थे। जांच में खुलासा हुआ कि मृतका के एक नाबालिग के साथ प्रेम संबंध थे। नाबालिग ने महिला के दूसरे से दोस्ती होने के शक में हत्या कर दी।
पिछले कुछ सालों से शहर के नाबालिग हत्या, चाकूबाजी और दुष्कर्म जैसी घटनाओं में ज्यादा शामिल हो रहे हैं। हर साल हत्या और चाकूबाजी में किसी न किसी नाबालिग का नाम आता है। रायपुर में वर्ष 2019 में 7 मर्डर, 2020 में 9 मर्डर, 2021 में 6 मर्डर, 2022 में 12 मर्डर और 2023 में 6 मर्डर के मामलों में नाबालिग शामिल थे। नाबालिग वर्ष 2024 और 2025 में भी आधा दर्जन से अधिक हत्याओं को अंजाम दे चुके हैं।
काउंसलिंग के दौरान अधिकांश नाबालिगों ने बताया कि वे अन्य लोगों की संगति में रहकर अलग-अलग तरह के क्त्रसइम को अंजाम देते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में नशे की लत के चलते भी क्राइम करना पाया गया है। आपराधिक गतिविधियों से दूर रखने के लिए नाबालिगों की काउंसलिंग की जाती है। इसके अलावा रोजगारमूलक गतिविधियां कराई जाती हैं। उन्हें मेडिटेशन, खेलकूद, शिक्षा से उन्हें जोड़ा जाता है।
रायपुर जिला बाल संरक्षण अधिकारी संजय निराला ने कहा की शहर के अधिकांश नाबालिग नशा करने के चलते चोरी, लूट, चाकूबाजी जैसे मामलों को अंजाम दे रहे हैं। कम उम्र में नशा के अलावा आदतन बदमाशों की संगति में रहना भी एक कारण है। हिस्ट्रीशीटर और आदतन बदमाश उन्हें मादक पदार्थों की तस्करी करने के लिए भी कहते हैं। इसके अलावा चाकूबाजी के लिए भी उकसाते हैं।
रायपुर एसएसपी डॉक्टर लाल उमेद सिंह ने कहा की शहर के घनी आबादी वाले चिन्हित इलाकों में नशामुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसमें नाबालिग और युवाओं का नशा छुड़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उनकी काउंसलिंग की जाएगी।